Home चित्तौड़ योग में नियमितता और निरंतरता

योग में नियमितता और निरंतरता

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33वीं राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता उदयपुर में सम्पन्न | देशभर से 53 टीमों ने विभिन्न वर्गों में किया प्रतिभाग

उदयपुर। विद्या निकेतन विद्यालय हिरण मगरी सेक्टर 4 उदयपुर में 33वीं राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता का आयोजन 16 दिसंबर 2022 को किया गया।

विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री माननीय अवनीश भटनागर ने कहा कि भगवान कृष्ण को योगेश्वर के नाम से जाना जाता है। योग का अर्थ केवल आसन, प्राणायाम नहीं है, योग आपके जीवन में भी स्थान ले यह आवश्यक है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्री वर्धन ने अष्टांग योग को विस्तार से बताते हुए यम, नियम को उदाहरण सहित समझाया और कहा कि योगासन के नित्य अभ्यास से ध्यान केंद्रित होता है व हर कार्य सफल होता है। विद्या भारती राजस्थान के क्षेत्र संगठन मंत्री माननीय शिव प्रसाद ने कहा कि योगासन कठोरता से करने की बजाय संयम से करना चाहिए। योगासन जीवन को श्रेष्ठ बनाना, शिखर पर ले जाना और देश को श्रेष्ठ बनाना सिखाता है।

योगासन से शरीर लचीला, तेजमयी और फुर्तीला बनता है। योगगुरु श्री देवेंद्र ग्रवाल ने कहा कि योग में नियमितता और निरंतरता अनिवार्य है। समापन सत्र में महामंडलेश्वर पूज्य श्री रासबिहारी शरण शास्त्री मेवाड़ ने कहा कि तन-मन को स्वस्थ रखने में योग का बड़ा स्थान है।

विद्या भारती राजस्थान के सह-संगठन मंत्री गोविन्द कुमार, उदयपुर नगर निगम के उप महापौर पारस सिंघवी का सानिध्य प्राप्त हुआ।

सभी क्षेत्रों के बच्चों ने किया शानदार प्रदर्शन

खेल प्रमुख विद्या भारती राजस्थान के सत्यनारायण मिश्रा ने बताया कि योगासन, आर्टिस्टिक व रिद्धमिक प्रतियोगिता में सभी क्षेत्रों के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया। पूरे देश से बाल वर्ग, किशोर वर्ग, तरुण वर्ग में 53 टीमों ने भाग लिया जिनमें 294 प्रतिभागी और 68 प्रभारी आचार्य शामिल हैं। निर्णायक मंडल में देश के अलग-अलग प्रांतों की 20 टोली शामिल रहीं। पर्यवेक्षक ललित मोहन जी और खेल संयोजक दिल्ली राजेश जी के मार्गदर्शन में प्रतियोगिता संपन्न हुई।

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