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शिशुवाटिका के आचार्यों की बैठक 

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Meeting of teachers of Shishu Vatika

शिशु वाटिकेच्या आचार्यांची बैठक संपन्न

विद्या भारतीच्या आचार्य प्रशिक्षण वर्गात गेल्या दोन वर्षात ज्या आचार्यांनी सहभाग घेतला त्यांची सभा आज श्रद्धेय नाना लाभे सुलेखन प्रकल्पामध्ये संपन्न झाली. उपस्थितांना महाराष्ट्र व गोव्याचे शिशु वाटिका संयोजक श्री भाई उपाले यांनी मार्गदर्शन केले. प्रांत संयोजिका श्रीमती निर्मलाताई महाजन याप्रसंगी व्यासपीठावर उपस्थित होत्या. पंचकोशात्मक विकासाच्या दृष्टीने बालकांचे शिक्षण व्हावे व त्यासाठी शिशु वाटिकेत आवश्यक क्रियाकलाप घ्यावेत असे प्रतिपादन भाई उपाले यांनी केले. प्रशिक्षण वर्गामध्ये ज्या ज्या गोष्टींचे प्रशिक्षण झाले त्याची उजळणी करण्यात आली. आचार्यांनी अनेक प्रश्न विचारून विविध माहिती प्राप्त केली. सभेचा प्रारंभ सरस्वती वंदने झाला तर समापन शांती मंत्राने झाला. विद्या भारतीच्या प्रांत शिशु वाटिकेच्या सहप्रमुख वर्षाताई ताठे आणि प्रांत संघटन मंत्री शैलेश जोशी याप्रसंगी उपस्थित होते.
शिक्षण उत्तम व्हावे यासाठी विद्या भारती विविध कार्यक्रमचे आयोजन नि:शुल्क करीत असते.

हिन्दी अनुवाद 

शिशुवाटिका के आचार्यों की बैठक

पिछले दो वर्षों में विद्या भारती के आचार्य प्रशिक्षण वर्गों में भाग लेने वाले आचार्यों का आज प्रतिष्ठित नाना लाभे सुलेख परियोजना में समापन हुआ। महाराष्ट्र एवं गोवा के शिशु वाटिका समन्वयक श्री भाई उपले ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर मंच पर प्रांतीय संयोजिका श्रीमती निर्मलाताई महाजन उपस्थित थीं। भाई उपले ने कहा कि बच्चों की शिक्षा पंचआयामी विकास के आधार पर की जानी चाहिए और इसके लिए नर्सरी में आवश्यक गतिविधियाँ की जानी चाहिए। प्रशिक्षण वर्ग में जो बातें सिखाई गईं, उनका पुनरीक्षण किया गया। आचार्य ने अनेक प्रश्न पूछकर विभिन्न जानकारी प्राप्त की। बैठक की शुरुआत सरस्वती वंदम से हुई और समापन शांति मंत्र के साथ हुआ। इस अवसर पर विद्या भारती के प्रांत शिशु वाटिका सहप्रमुख नंदाई ताठे और प्रांत संघचालक शैलेश जोशी उपस्थित थे।
विद्या भारती शिक्षा में सुधार के लिए निःशुल्क विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है।

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