शिक्षण में विद्यार्थियों की सक्रियता बहुत आवश्यकःदिलीप बेतकेकर
वृंदावन । गौशाला स्थित परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विद्या भारती के पूर्व उपाध्यक्ष श्री दिलीप बेतकेकर जी ने कहा कि आचार्य को कक्षा-कक्ष में अत्यंत सरल और सहज ढंग से अपने विषय को प्रस्तुत करना चाहिए। शिक्षण में छात्रों की सक्रियता बहुत आवश्यक है। ज्वायफुल लर्निंग (आनंदपूर्ण शिक्षा) आज की आवश्यकता है। श्री दिलीप बेतकेकर ने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए आत्मविश्वासऔर निर्भयता आवश्यक है। एक महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि हाथ न होते हुए भी वह हवाई जहाज उड़ाती है।
सारा कार्य अपने पैरों से ही करती है। एक दूसरे व्यक्ति का उदाहरण देकर बताया कि उसके न हाथ थे और न पैर, फिर भी वह अचंभित करने वाले सभी कार्य करता है। इसलिए हमें हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। छोटे-छोटे महत्वपूर्ण कार्य अच्छे ढंग से करने से आदत बन जाती है, फिर आदतें हमारा संस्कार बन जाती हैं, इसलिए हमें व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक सभी छोटे-छोटे कार्य अच्छे ढंग से करने चाहिए। रात्रि सोने से पूर्व मंजन करना, नियमित स्नान करना, अपने कपड़ों को व्यवस्थित रखना, अपने कक्ष को व्यवस्थित रखना आदि व्यवहार में होने चाहिए। बच्चों से कहा कि मोबाइल का सदुपयोग अच्छा है परंतु अत्यधिक प्रयोग हानिकारक है। बाजार की रेडीमेड खाद्य सामग्री स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। घर में बना हुआ भोजन-जलपान ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
अध्यक्षता श्री शिवेन्द्र कुमार गौतम सह प्रबंधक ने की। धन्यवाद ज्ञापन श्री श्याम प्रकाश पांडे प्रधानाचार्य ने किया। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर ब्रज प्रदेश प्रकाशन के निदेशक डॉक्टर रामसेवक, विद्या भारती ब्रज प्रदेश के शिक्षण-प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. अजय शर्मा, सहित संकुल के कई प्रधानाचार्य और आचार्य उपस्थित रहे।
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