सामाजिक समरस समाज बनाएं- नंदलाल जोशी
‘सहज अभिव्यक्ति भाग-3’ पुस्तक का विमोचन
कुरुक्षेत्र । विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में परिवार स्नेह मिलन एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता श्री नंदलाल जोशी वरिष्ठ प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि सच्चे अर्थों में सुखी जीवन, सार्थक जीवन, आनंदमय और यशमय जीवन का जितना गहरा चिंतन-मंथन भारत की धरती पर हुआ है वह बहुत अद्भुत है। वर्तमान समय में संयुक्त परिवार तेजी से टूटकर एकल परिवारों में बदल रहे हैं। एकल परिवार आर्थिक रूप से संपन्न होता है, लेकिन इसमें सहनशीलता, परस्पर सहयोग व संस्कारों की कमी देखी जा सकती है। इस कारण परिवार का प्रत्येक सदस्य चिंता से ग्रस्त हो रहा है। आज सामाजिक समरस समाज बनाने की महती आवश्यकता है। परिवारों में सकारात्मक ऊर्जा एवं उत्साह का वातावरण बनाने के लिए परिवारजनों को मिलकर अपने ईष्ट की वंदना, जप, कीर्तन आदि करना चाहिए। एक साथ भोजन करने एवं बच्चों को संस्कारवान शिक्षा देने से परिवार में सकारात्मकता आती है। मुख्य अतिथि विद्या भारती के महामंत्री श्री अवनीश भटनागर ने कहा कि संस्कृति, शिक्षा, साहित्य और परिवार यह सब एक साथ चलने वाली विधाएं हैं। विद्यार्थी, विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाले शिक्षक, शिक्षा तंत्र की व्यवस्थापना और अभिभावकों से मिलकर ही समाज बनता है। परिवार स्नेह मिलन की भूमिका रखते हुए वासुदेव प्रजापति ने कहा कि सत्संग की हमारे समाज में अत्यंत महत्ता है।
लोक शिक्षा का सशक्त माध्यम सत्संग है। सत्संग आनंद और कल्याण का मूल है। अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी ने की। संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह, डॉ. हुकम सिंह, कृष्ण कुमार भंडारी, हरीश गर्ग, सुरेन्द्र मोहन, बलबीर, ममता सूद, डॉ. संजीव, डॉ. अनुराधा, चेतराम आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर ‘सहज अभिव्यक्ति भाग-3’ पुस्तक का विमोचन किया गया। साहित्यकार कमलेश भट्ट ‘कमल’ ने कहा कि ये पुस्तक जीवन जीने की कला है।
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