विद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में आयोजन
कुरुक्षेत्र | राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: अवसर, प्रभाव और चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन गीता निकेतन आवासीय विद्यालय कुरुक्षेत्र द्वारा संस्कृति भवन के नैमिषारण्य सभागार में किया गया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न आयामों से परिचित कराना एवं भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना रहा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों के सर्वांगीण विकास और 21वीं सदी के कौशल पर ज़ोर देती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो वैश्विक परिदृश्य और भारतीय ज्ञान परंपरा के बीच तालमेल स्थापित करती है। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के अनेक अनुभव सांझा किए। तत्पश्चात् विद्या भारती, दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री रवि कुमार जी ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत केन्द्रित है। उन्होंने शिक्षा के तीन मुख्य उद्देश्य बताए जिसमें प्राचीन ज्ञान नई पीढ़ी को हस्तांतरित करना, नवीन ज्ञान का सृजन करना और भविष्य की चुनौतियों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। उन्होंने कहा कि शिक्षक को मुख्य बिंदु होने के नाते कला संयोजन, अनुभव आधारित शिक्षण और आनंदमय शिक्षा को समझने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ घनश्याम शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की उन्नति वहाँ दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अहम भूमिका निभाएगी।
द्वितीय सत्र में एनसीईआरटी दिल्ली के वरिष्ठ विशेषज्ञ प्रो सुभाष चंद्रा चौहान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को धरातल पर लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।अंतिम सत्र में एनसीईआरटी प्राथमिक शिक्षा विभाग की विशेषज्ञ प्रो पद्मा यादव ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा स्कूल शिक्षा- 2023 का सार प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि शिक्षा में सीखने को सहज, सरल और आकर्षक बनाने के लिए पाठ्यक्रम सावधानीपूर्वक निर्मित किया गया है। देशभर के सुधी शिक्षाविदों के साथ विचार मंथन कर इस पाठ्यक्रम की अनुशंसा की गई है। इस अवसर पर नगर तथा प्रांत के विद्या भारती व अन्य प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्राचार्य और आचार्य उपस्थित रहे।
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