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विद्या भारती हरियाणा व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कुरुक्षेत्र के संयुक्त शिक्षा कुम्भ

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Meeting of Shiksha Kumbh of Kurukshetra and National Institute of Technology (NIT) Kurukshetra
विद्यार्थियों के कौशल निर्माण को बढ़ाने वाली है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : राज्यपाल दत्तात्रेय

विद्या भारती हरियाणा (हिन्दू शिक्षा समिति (पंजी॰) कुरुक्षेत्र व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कुरुक्षेत्र के संयुक्त शिक्षा कुम्भ आयोजित किया गया, जिसमें अर्थव्यवस्था में अकादमिक संचालित स्टार्टअप की भूमिका पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय रहे। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा कुम्भ का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है। यह छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा के एक समग्र और बहु विषयक दृष्टिकोण की कल्पना करता है यह नीति कम उम्र से ही कौशल विकास, उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों के लिए कौशल निर्माण को बढ़ाने वाली है। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि स्टार्टअप बनाने के लिए नई शिक्षा नीति एक गेम चेंजर है। इसलिए नई शिक्षा नीति पर जल्द अमल करें। केंद्र सरकार ने 2030 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया है लेकिन प्रदेश सरकार में  2025 तक हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया है। यह नीति अर्थव्यवस्था को आकार देने और नवाचार को बढ़ावा देने में अकादमी-संचालित स्टार्टअप के महत्व के लिए कारगर है। उन्होंने कहा कि 2014 तक करीब 800 स्टार्टअप थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आने पर अब 116000 स्टार्टअप बन गए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की वे नई तकनीक को सीखें और अमल करें।

श्री राज नेहरू कुलपति विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, ने कहा कि स्टूडेंट्स को उद्योगों के साथ जोड़ें ताकि विद्यार्थी को तकनीकी बातों के बारे में भी जानकारी हासिल हो सके। राज नेहरू ने कहा कि पढ़ाई के साथ अगर हम विद्यार्थियों को स्किल सिखाने में कामयाब होते हैं तो इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने में भूमिका निभाएगा।

Shiksha Kumbh of Kurukshetra and National Institute of Technology (NIT) Kurukshetra

डॉ॰ बीवी रमना रेड्डी – निदेशक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कुरुक्षेत्र, ने ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में संस्थागत अनुसंधान गतिविधियों उद्यमिता और स्टार्टअप संस्कृति को निर्देशित करने की जरूरत के बारे में बताया।

डॉ॰ देशराज शर्मा-मंत्री विद्या भारती उत्तर क्षेत्र ने कहा कि कुंभ भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है। शिक्षा का मूल विचार सामूहिक चिंतन है। आज की जो शिक्षा है यह देश और राष्ट्र के अनुरूप बने। शिक्षा को कुछ लोग अलग-अलग ढंग से देने का प्रयास कर रहें है वह कभी अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाते। शिक्षा का मूल विचार ही सामूहिक चिंतन है। शिक्षा का मूल उद्देश्य ही सभी लोगों को एकत्रित बैठकर विचार करना और एक दिशा में बढ़ना यह प्रयोजन है। इस दृष्टि से इसका नाम शिक्षा महाकुंभ हो गया। विद्या भारती का यह विचार प्रारंभ से है। विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी शैक्षिक संस्था है। शायद दुनिया के किसी भी देश के अंदर, बिना किसी सरकार के सहयोग से सामाजिक संस्था के नाते, समाज के बल-बूते पर चलने वाली संस्था जो 25000 औपचारिक और अनौपचारिक शैक्षिण संस्थान चलाती हो, दुनिया में कोई भी ऐसा उदाहरण नहीं है। उसके विद्यार्थियों की संख्या, उसके अध्यापकों की संख्या, उसके प्रबंधन में लगे दो करोड़ लोग इस देश में शिक्षा का चिंतन करते हैं। उस संस्था के माध्यम से यह भी एक अनोखी बात है। इस पद्धति के अंतर्गत यह शिक्षा महाकुंभ विद्या भारती ने प्रारम्भ किया है। जैसे ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, देश के अंदर उसका एक विजन डॉक्यूमेंट हमारे सामने आया, अगर आप उसका अध्ययन करेंगे तो उनके अध्ययन के निष्कर्ष से जो निकलेगा तो उसमें चाहे वो टेक्नोलॉजी के संस्थान हों, चाहे वह मैनेजमेंट के संस्थान हों, चाहे वह स्कूल की शिक्षा हों, चाहे वह स्वास्थ्य की शिक्षा के संस्थान हों, यदि वह एकत्रित बैठकर विचार नहीं कर सकते तो इस देश की शिक्षा को इस देश की संस्कृति प्रकृति, प्रगति के अनुसार नहीं चला सकते।

कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन चंडीगढ़ के सचिव स्वामी भीती महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र एक धर्मनगरी है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ॰ सुदेश कुमार ने बताया कि एनआईटी जालंधर में शिक्षा का महाकुंभ आयोजित हुआ था जिसमें करीब 27000 लोगों ने हिस्सा लिया। कुरुक्षेत्र के लगे इस शिक्षा कुम्भ ने प्रांत के 150 छात्रों ने भी सहभागिता की।

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