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प्रधानाचार्य सम्मेलन के तीसरे दिन

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Principal's conference on the third day

7 फरवरी 2024 दिन बुधवार को भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आयोजित पूरनमल शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी के आतिथ्य में चल रहे प्रधानाचार्य सम्मेलन के तीसरे दिन का प्रारंभ विद्या भारती अखिल भारतीय मंत्री किशन वीर सिंह शाक्य, विद्या भारती अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव, क्षेत्रीय सचिव नकुल शर्मा ,प्रांतीय समिति के अध्यक्ष दिवाकर प्रसाद, पूर्णकालिक मिथिलेश कुमार सिंह, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ किया गया।

किशन वीर सिंह शाक्य ने कहा कि भारत का ज्ञान गौरवान्वित हो रहा है। किसी भी बात को कहो तो उस व्यक्ति का नाम लेकर कहो ताकि विवाद न हो। नई शिक्षा नीति की जो आवश्यकता है उसे अपने जेहन में लाना चाहिए। शिक्षा की आत्मा, आत्मा की शिक्षा है। बच्चों के अंतर्निहित प्रकृति को निखारना ही शिक्षा है। मनुष्य का अवतार भारत में हुआ है।भाषा का अवतार एवं मानव इतिहास की संपूर्ण जानकारी भारत में है। ज्ञान पांच प्रकार के हैं श्रुत ज्ञान ,इंद्रीय ज्ञान, अवधि ज्ञान, मनः पर्याय, केवल्य ज्ञान। मानव इतिहास की संपूर्ण जानकारियां केवल भारतवर्ष में है। शिक्षा का सारा तंत्र भारत से ही प्रारंभ हुआ था।

विद्या भारती अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव ने कहा कन्याकुमारी में विवेकानंद के जन्म के शुभ अवसर पर एक स्मारक बना। सेवा की साधना नामक पुस्तक मुद्रित हुई। सेवा का अर्थ संतुष्टि है। समाज में अभी भी एक प्रथा है मुस्कुरा कर लोगों का सम्मान करना परंतु कार्यकर्ता होने के नाते सम्मान के जाल में फंसना नहीं है। आयु दो प्रकार के होते हैं शरीर का, मन का। शरीर की आयु बढ़ती है परंतु मन की आयु बढ़ती नहीं। हमें मन से युवा व खुश रहना चाहिए। परिश्रम, भोजन और विश्राम यह तीनों शरीर के लिए आवश्यक है। लंबे समय तक स्वस्थ जीवन के लिए श्रम के साथ आराम भी जरूरी है। हम सभी कार्यकर्ता हैं इसका भाव अपने अंदर लाने का प्रयास करना चाहिए।

मंच संचालन उमाशंकर पोद्दार द्वारा किया गया। आज के वंदना सभा सत्र में संस्कृति ज्ञान परीक्षा में आयोजित करने वाले विद्यालय के प्रधानाचार्य जिन्होंने ज्यादा संख्या में भैया /बहन अभिभावक एवं समाज के शिक्षकों को जोड़कर परीक्षा दिलाया वैसे प्रधानाचार्य को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। संगठन मंत्री की एक बैठक भागलपुर जिला में चलने वाले शिशु मंदिर एवं विद्या मंदिर के पूर्व छात्रों के साथ भी हुई। सायं 7:00 बजे से सैनिक स्कूल गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर, आनंद राम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर एवं रामेश्वर लाल नोपानी सरस्वती विद्या मंदिर के भैया/ बहनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई जिस सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर 17 जिला से आए हुए प्रधानाचार्य एवं अधिकारी वृंद भाव विभोर हो गए।

इस अवसर पर प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे, प्राचार्य राजकुमार ठाकुर, सचिव अमिताभ चक्रवर्ती, राजीव सिंह,रमेश मणि पाठक,राकेश नारायण अम्बष्ट,सतीश सिंह, ब्रह्मदेव प्रसाद, विनोद कुमार, राजेश कुमार, परमेश्वर कुमार ,गंगा चौधरी, वीरेंद्र कुमार ,आलोक कुमार, शशि भूषण मिश्र,सुजीत गुप्ता, गौतम भारती, अजय कुमार एवं 70 जिला से आए प्रधानाचार्य उपस्थित थे।

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