परीक्षा और साक्षात्कार से होगा प्रवेश, 101 करोड़ रुपए से तैयार होंगी सुविधाएं
जी प्लस 3 के 4 ब्लॉक, जी प्लस 2 का 1 और जी प्लस 1 के बनेंगे 6 ब्लॉक
जोधपुर । विद्या संकुल लाल सागर में प्रवेश के लिए संस्थान रूपरेखा तैयार करने में जुट गया है। यहां प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों को परीक्षा और साक्षात्कार आदि से गुजरना होगा। शिक्षण चार्ज भी सामान्य रखा जाएगा, जिससे देशभर के विद्यार्थी यहां अध्ययन कर सकें। यहां जी प्लस 3 (ग्राउंड फ्लोर तीन मंजिल) के चार ब्लॉक, जी प्लस 2 का एक और अन्य में जी प्लस 1 के 6 ब्लॉक विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही भारत माता का मंदिर, पाथ-वे व पार्किंग आदि भी बनाई जाएगी।
देश की सेना में संस्कारित और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत युवाओं को जाने की प्रेरणा देने के लिए संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। यहां एनडीए जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाएगी।
विद्या संकुल प्रोजेक्ट लाल सागर के अध्यक्ष निर्मल गहलोत ने कहा कि पश्चिम राजस्थान के बच्चे सेना में अफसर कम बन पा रहे हैं। ये प्रोजेक्ट अच्छे अफसरों के साथ खिलाड़ी भी तैयार करेगा।
विद्या संकुल प्रोजेक्ट लाल सागर के सचिव शम्भू सिंह चारण ने बताया कि प्रतिभावान बच्चों की अतिरिक्त कक्षाएं छात्रावास में चलाई जाएंगी। यहां विशेषज्ञ शिक्षक बच्चों को एनडीए की तैयारी कराएंगे। विद्या संकुल प्रोजेक्ट के सदस्य श्री देवेंद्र ने बताया कि प्रोजेक्ट 10 माह में पूरा होगा और 10 बीघा से ज्यादा भूमि पर निर्माण हो रहा है। सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा जो एनडीए की तैयारी करा सकें।
अनुसंधान केंद्र- अनुसंधान कार्यों के लिए आधुनिक केंद्र बनाया जाएगा, जो युवाओं को अनुसंधानात्मक मार्गदर्शन देगा।
खेल केंद्र- संस्थान में एथलेटिक्स, कुश्ती, जूडो, कबड्डी, खो-खो, तैराकी आदि के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान बनाए जाएंगे जहां अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे।
आराधना केंद्र- भारत और भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करने कला दर्शनीय केंद्र बनेगा। इसे देसी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिहाज से तैयार किया जाएगा।
प्रतिभा विकास केंद्र- प्रशासनिक, प्रौद्योगिकी सूचना तकनीक की विशेष प्रतिभाओं को तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला व वास्तुकला के लिए कला विकास केंद्र बनाया जाएगा।
कौशल विकास केंद्र- पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, यहां हाथ का हुनर सिखाया जाएगा जिससे आगे चलकर प्रशिक्षणार्थी आर्थिक विकास में योगदान दे सकें।
व्यावसायिक शिक्षा केंद्र- आईटीआई, पॉलीटेक्निक कॉलेज के माध्यम से स्थानीय युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाएगी।
आचार्य प्रशिक्षण केंद्र- विद्या भारती के आचार्यों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र तैयार किया जाएगा। यहां अध्ययनरत बच्चों के लिए समयानुकूल व सर्वसुविधा संपन्न छात्रावास बनाया जाएगा।
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