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प्रतिभा सम्मान समारोह

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श्री आद्य वाराह पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महन्त श्री रामप्रवेश दास महाराज, वृन्दावन धाम के सानिध्य में मुख्य अतिथि पद्म श्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद, विशिष्ट अतिथि उत्कर्ष क्लासेज के फाउण्डर एवं सी.ई.ओ. डॉ. निर्मल गहलोत तथा मुख्य वक्ता के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के सह संगठन मंत्री माननीय यतीन्द्र कुमार जी शर्मा का मार्गदर्शन मिला।

राजस्थान | विद्या भारती राजस्थान के तत्वावधान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की दशमी एवं बारहवीं कक्षा की परीक्षा में कीर्तिमान स्थापित करने वाले राजस्थान के 38 भैया-बहिनों को जयपुर स्थित बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। राजस्थान के संगठन मंत्री शिवप्रसाद ने प्रतिभा सम्मान समारोह की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि समाज में धारणा बनती जा रही है कि प्रतिभाएँ बड़े व अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों से निकलती है किन्तु यह भ्रम है। इस भ्रम को निकालने के लिए तथा सही स्थिति बताने के लिए ही इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हमारे विद्यालयों की जिन प्रतिभाओं का सम्मान किया जा रहा है उनमें 96.70 प्रतिशत से 98.67 प्रतिशत वाले 38 भैया-बहिन हैं।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में कर्नल राज्यवर्धन सिंह ने छात्रों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत श्रेष्ठ राष्ट्र बनता जा रहा है। पिछले 8 वर्षों में देश के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव नजर आया है, नित्य नये अवसर मिल रहे हैं। देश में जहाँ पहले 700 विश्वविद्यालय थे, वहीं 2014 के बाद 300 नये विश्वविद्यालय खुले हैं। जिस बहु प्रतीक्षित राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कई वर्षों से इंतजार था वह अब लागू हो गई है। इससे छात्रों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलेगा। कर्नल ने कहा कि विद्या भारती जिन मूल्यों पर अपनी स्थापना से ही कार्य कर रही थी, आज उन्हीं मूल्यों आदर्शों क्रियाकलापों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल किया है। हमारे चारों ओर ज्ञान का भण्डार है। हमें ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए, जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य का होना बहुत आवश्यक है। ज्ञान को क्रिया में डालने से ही परिणाम निकलते हैं। जरूरी नहीं कि आपको सफलता मिले। असफलताओं से घबराकर लक्ष्य को नहीं छोड़ना चाहिए। शिक्षा क्षेत्र में विद्या भारती का योगदान वास्तव में अतुलनीय है।

विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. निर्मल गहलोत ने विद्यार्थियों को संस्कारवान बनने तथा सदैव राष्ट्र सेवा करने का प्रेरक संदेश दिया। इस अवसर पर विद्या भारती के सह संगठन मंत्री यतीन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही राष्ट्र का पुनर्निर्माण संभव है।

विद्या भारती निश्चित लक्ष्य को लेकर कार्य करती है। मातृभूमि की सेवा करते हुये इन प्रतिभाओं के माध्यम से देश व समाज का नाम यशस्वी बने । शिक्षा और संस्कार की बात करते हुये विद्या भारती द्वारा संचालित अन्य राज्यों जैसे उड़ीसा, हरियाणा, असम, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के सर्वश्रेष्ठ बोर्ड परिणामों के प्रदर्शन के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के अन्त में पूज्य महाराज श्री वाराह पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 का आशीर्वचन हुआ तथा विद्या भारती राजस्थान के अध्यक्ष प्रो. भरतराम कुम्हार के उद्बोधन के बाद सह मंत्री प्रेम सिंह शेखावत ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। वन्दे मातरम् के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में विद्या भारती से जुड़े पदाधिकारीगण, समाज क्षेत्र से जुड़े विभिन्न गणमान्य व्यक्ति तथा 1100 से अधिक लोगों ने सहभागिता की।

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