विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की कार्यकारिणी की बैठक 15 से 17 सितम्बर विद्या धाम जालंधर में सम्पन्न हुई। उद्घाटन सत्र में प्रास्ताविक भाषण में श्री गोबिंद महंत अखिल भारतीय संगठन मंत्री ने कहा कि विद्या भारती का विद्यालय आदर्श विद्यालय बने और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाते हुए सामाजिक चेतना के केंद्र के रूप में विकसित हो, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सम्बंध में उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन में विद्या भारती की भूमिका महत्वपूर्ण है और गत दो वर्षों से हम इस कार्य के लिए प्रयासरत हैं।
प्रान्तों व क्षेत्रों के संख्यात्मक वृत्त पर चर्चा करते हुए श्री अवनीश भटनागर, महामंत्री ने कहा कि कोरोना पूर्व व पश्चात में छात्र संख्या की स्थिति में परिवर्तन आया है। कोरोना पश्चात हम बढ़े हैं। अभी भी जहां विद्यालय व छात्र संख्या में कमी है उसकी योजना बनाकर उस कमी को पूरा करते हुए आगे बढ़ना है।
उन्होंने भारतीय भाषा समिति, भारत सरकार से प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी देते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा के मोहजाल से निकलकर भारतीय भाषाओं को उनका गौरव प्रदान करना एवं उनका संरक्षण व संवर्धन हम सभी का कार्य है। ब्रिटिश राज्य में भारत की शिक्षा व्यवस्था को समाप्त करने वाले मैकॉले की सिफारिशों को २०३५ में २०० वर्ष पूर्ण होंगे, तब तक इस अभारतीय शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करना हमारा लक्ष्य होना चाहिये।
श्री काशीपति अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य ने भौगोलिक कार्यविस्तार पर विस्तृत चर्चा की। सीमावर्ती, तटवर्ती, संवेदनशील, सेवा क्षेत्र, पोषक वार्ड व ग्राम में कार्य विस्तार कैसे हो इस पर अपने विचार प्रकट किए।
समापन सत्र में श्री डी. रामकृष्णराव जी अखिल भारतीय अध्यक्ष ने कहा कि विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा हो और आचार्यों का टेक्निकल अप-ग्रेडेशन हो इसके लिए हम प्रयास करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करते हुए अपना विद्यालय समाज में नेतृत्वकर्ता के रूप में खड़ा हो, इस पर हम सभी को कार्य करना है।
इस अखिल भारतीय बैठक में अनेक विषयों का वृत्त कथन हुआ। चार पुस्तकों का विमोचन हुआ- क्रांतिपथ के राही जनजातीय वीर, आचार्य ब्रह्मगुप्त, ज्ञान की बात भाग 2, आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय। 16 सितम्बर रात्रि में पंजाब की लोक कला आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम व परिसर में लगाई गई शिशुवाटिका प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इस बैठक में देशभर से 179 पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।