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शिक्षक ही विद्यार्थी गढ़ते हैं – सतीश चिचघरे

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Two-day workshop of Shishu Vatika teachers concluded

शिक्षक ही विद्यार्थी गढ़ते हैं – सतीश चिचघरे

शिशु वाटिका शिक्षिकाओं की द्विदिवसीय कार्यशाला संपन्न-गडचिरोली

दिनांक 20 अगस्त 2025 : समाज में जीवित व्यक्तियों पर काम करने वाले दो प्रमुख लोग होते हैं – एक जो उपचार करता है वह डॉक्टर और दूसरा जो विद्यार्थी गढ़ता है वह शिक्षक। यह शिक्षकों का सौभाग्य है कि उन्हें यह पवित्र कार्य करने का अवसर मिलता है। शिक्षक ही विद्यार्थियों के जीवन को दिशा देते हैं और उनका निर्माण करते हैं। लेकिन इसके लिए शिक्षकों को भी निरंतर सीखते रहना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन विद्या भारती गडचिरोली जिला अध्यक्ष तथा ग्रीनवुड प्री-स्कूल के संचालक सतीश चिचघरे ने किया।

विद्या भारती और ग्रीनवुड प्री-स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर वे बोल रहे थे। इस अवसर पर मंच पर प्रांत शिशु वाटिका प्रमुख श्रीमती निर्मला महाजन, सह-प्रमुख श्रीमती वर्षा ताठे, संगठन मंत्री शैलेश जोशी और मुख्याध्यापिका सौ. संगीता अतकमवार उपस्थित थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति के अनुसार क्रियात्मक एवं आनंददायी शिशु शिक्षा हो, इस पर बल श्रीमती वर्षा ताठे ने दिया, वहीं मातृभाषा के माध्यम से शिशु शिक्षा देने का आग्रह शैलेश जोशी ने किया।

द्विदिवसीय कार्यशाला में प्राथमिक स्तर की शिक्षा में हुए बदलाव, 12 शैक्षणिक कोने, सद्गुणों की कहानियाँ, अभिनय व नृत्य गीत, विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ, पंचकोश विकास तथा साहित्य निर्माण इन विषयों पर मार्गदर्शन किया गया। प्रशिक्षिका के रूप में निर्मला महाजन और वर्षा ताठे ने कार्य किया। कार्यशाला में क्षेत्र की लगभग 25 प्री-प्राइमरी शिक्षिकाएँ उपस्थित थीं। पूरी व्यवस्था मुख्याध्यापिका सौ. संगीता अतकमवार, ग्रीनवुड प्री-स्कूल के शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों ने संभाली। कार्यशाला के समन्वयक के रूप में राखी चिचघरे ने जिम्मेदारी निभाई। आभार प्रदर्शन सोनूताई कुंभले ने किया तथा शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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