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शिक्षकों को छात्रों के जीवन में सही संस्कार देने चाहिए – डॉ. स्मिता शिंगरूप

Group Song Singing Competition on Patriotism organized by Vidya Bharati

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Group Song Singing Competition on Patriotism organized by Vidya Bharati
“शिक्षक ही असल में राष्ट्रनिर्माता हैं” – डॉ. स्मिता शिंगरूप

विद्या भारती द्वारा आयोजित देशभक्ति पर समूह गीत गायन प्रतियोगिता

अकोला: गीत का प्रभाव सीधे मन पर होता है। देश के युवाओं के होठों पर कौन सा गीत है, यह देखकर यह समझा जा सकता है कि उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना कैसी है। इसी उद्देश्य से, चारित्र्य संपन्न पीढ़ी के निर्माण हेतु शुक्रवार को विद्या भारती द्वारा स्व. भास्करराव खोत देशभक्ति समूह गीत गायन प्रतियोगिता का आयोजन प्रमिलाताई ओक सभागार में किया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मंच पर अध्यक्ष के रूप में मेहरबानू महाविद्यालय की प्रो. डॉ. स्मिता शिंगरूप, विद्या भारती विदर्भ प्रांत के उपाध्यक्ष श्री सचिन जोशी, अकोला महानगर अध्यक्ष मंगेश वानखेड़े, ताराताई हातवळणे, जिला मंत्री शरद वाघ, पर्यवेक्षक डॉ. प्रा. हर्षवर्धन मानकर, तथा जितेश रापर्तीवर (दर्यापुर) उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रो. डॉ. स्मिता शिंगरूप ने कहा कि यदि बाल्यकाल में ही शिक्षक विद्यार्थियों के मन में राष्ट्रभक्ति का बीज बोते हैं, तो वह आगे चलकर एक सुंदर, भव्य वृक्ष में परिवर्तित हो जाता है। यही वृक्ष समाज, राज्य और अंततः भारत को ऊंचाइयों तक ले जाता है। विद्या भारती कई वर्षों से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु कार्यरत है। उसके संस्कारों से तैयार हुआ विद्यार्थी सजग और आदर्श नागरिक बनता है। बचपन में डाली गई राष्ट्रभक्ति की भावना ही व्यक्ति को जीवन की चुनौतियों से दृढ़ता से लड़ने की शक्ति देती है। शिक्षकों की इस प्रक्रिया में भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसलिए सही मायनों में शिक्षक ही राष्ट्रनिर्माता होते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन में सही संस्कार देंगे, तभी वह विद्यार्थी एक अच्छा, कर्मठ और देशभक्त नागरिक बनेगा। उन्होंने स्कूलों में फिल्मों के गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों की परंपरा को बंद करने की अपील की और कहा कि विद्यार्थियों के कोमल मन में राष्ट्रभक्ति का बीज बोने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। “आज हम क्या देते हैं, उसी पर भावी पीढ़ी खड़ी होती है,” ऐसा कहकर उन्होंने सभी स्कूलों से इस प्रवृत्ति से दूर रहने और विद्या भारती के कार्य में सहभागी होने का आवाहन किया।

समापन समारोह के अवसर पर मंच पर पुरुषोत्तम खोत, ताराताई हातवळणे, प्रांत उपाध्यक्ष सचिन जोशी, प्रांत सहमंत्री समीर थोडगे, जिला मंत्री शरद वाघ, ऋषिकेश अढाऊ, सुदेश काळपांडे, कीर्ती व कृष्णा खोत, पर्यवेक्षक डॉ. हर्षवर्धन मानकर, और जितेश रापर्तीवर (दर्यापुर) उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए। इस प्रतियोगिता में कुल 32 स्कूलों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और संताजी कॉन्वेंट के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। सूत्र संचालन: मृणाल कुलकर्णी, आभार प्रदर्शन: योगेश मल्लेकर, पर्यवेक्षक: डॉ. हर्षवर्धन मानकर (शिवाजी महाविद्यालय) और जितेश रापर्तीवर (प्रबोधन विद्यालय, दर्यापुर)

कार्यक्रम में विद्या भारती के सागर तिवारी, अमृतेश अग्रवाल, मृणाल कुलकर्णी, आकांक्षा देशमुख, अंजली अग्निहोत्री, स्मिता जोशी, आसावरी देशपांडे, जय राणे, प्रांत सहमंत्री समीर थोडगे तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

समूह गीत गायन प्रतियोगिता तीन समूहों में आयोजित की गई थी:

समूह – अ (Group A)

प्रथम पुरस्कार: प्रभात किड्स स्कूल

द्वितीय पुरस्कार: स्कूल ऑफ स्कॉलर्स, बिर्ला

तृतीय पुरस्कार: विवेकानंद इंग्लिश प्रायमरी स्कूल

समूह – ब (Group B)

प्रथम पुरस्कार: श्री समर्थ पब्लिक स्कूल, रिधोरा

द्वितीय पुरस्कार: प्रभात किड्स स्कूल

तृतीय पुरस्कार: विवेकानंद इंग्लिश प्रायमरी स्कूल

समूह – क (Group C)

प्रथम पुरस्कार: आर. डी. जी. पब्लिक स्कूल

द्वितीय पुरस्कार: प्रभात किड्स स्कूल

तृतीय पुरस्कार: स्वामी विवेकानंद ज्ञानपीठ, तेल्हारा

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