शैक्षिक नवाचारों का अध्ययन कर अच्छे विचारों को अपनाएः गोबिन्द चन्द्र्र महंत
भोपाल। विद्या भारती की अखिल भारतीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक परिषद् की बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन 15 से 17 नवम्बर 2022 तक सरस्वती विद्या मंदिर हायरसेकण्ड्री विद्यालय कोटरा भोपाल में किया गया। बैठक में प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षण को गुणवत्तापूर्ण एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने पर चर्चा की गई और सर्वसम्मति से निर्णय लिए गये। विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री गोबिन्द चन्द्र महंत ने कहा कि प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षा के विषय को प्रत्येक प्रान्त में निचले स्तर तक ले जाना है। अन्य संस्थाओं द्वारा किये जा रहे शैक्षिक नवाचारों का अध्ययन करना एवं अच्छे विचारो को अपनाना चाहिए। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर जी ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा हेतु आदर्श समय-सारणी, आधारभूत विषयों का समाजोयन, रंगमंचीय कार्यक्रम सहित लगभग 50 सुझाव प्रान्तों को भेजे गए हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में 5+3+3+4 पद्धति लागू की गयी है। ऐसे में टोलियों के पुनर्गठन की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के गतिविधि आधारित शिक्षण, न्यूनतम लर्निंग अधिगम की प्राप्ति, नई पाठयपुस्तकों का अध्यापन, शिक्षण में टूल्स का उपयोग, आचार्य प्रशिक्षण आदि बिन्दुओं पर कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से 21 कार्यकर्त्ता, दो राष्ट्रीय अधिकारी, पांच क्षेत्रीय अधिकारी सहित 28 सदस्य उपस्थित रहे। कार्यशाला में पाठ योजनाओं की समीक्षा एवं अभिनव पंचपदी तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति आधारित नवीन पाठ योजना निर्माण तथा लर्निंग आउटकम आदि विषयों पर देवकीनंदन चौरसिया जी ने प्रशिक्षण दिया। क्लासरूम मैनेजमेंट, लर्निंग आउटकम एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षिक उन्नयन के बिन्दुओं पर प्राथमिक शिक्षा के अखिल भारतीय संयोजक श्री खगेश्वर दास जी ने प्रशिक्षण दिया। कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण पर सुशील जी महाजन ने विचार रखे एवं शैक्षिक विषयों को कौशल विकास से जोड़ने की तकनीक आदि पर चर्चा की गयी। बस्ते का बोझ कम करना नितांत आवश्यक है। इस सम्बन्ध में स्थानीय स्थितियों के आधार पर योग्य निर्णय लेने की बात कही गई।