Home समाचार हिमाचल शिक्षा समिति की तीन दिवसीय प्रांत योजना बैठक

हिमाचल शिक्षा समिति की तीन दिवसीय प्रांत योजना बैठक

186
0
Three-day provincial planning meeting of Himachal Education Committee

शिक्षा समाज तथा देश की दशा एवं दिशा निर्धारित करती है- सुरेन्द्र अत्री

हिमाचल शिक्षा समिति की तीन दिवसीय प्रांत योजना बैठक सरस्वती विद्या मन्दिर हिम रश्मि परिसर विकासनगर, शिमला में सफलता पूर्वक सम्पन । इस बैठक में हिमाचल शिक्षा समिति के वार्षिक पंचांग का भी विमोचन किया गया । बैठक के अन्तिम दिन आज परीक्षा, नारायण मेधावी छात्र छात्रवृति परीक्षा, कौशल विकास, जन शिक्षण संस्थान व प्रचार विभाग के विषयों पर चर्चा की गई । प्रचार विषय पर जानकारी देते हुए प्रांत प्रचार प्रमुख देवीसिंह वर्मा ने बताया कि विद्या भारती बिना सरकार की मदद के समाज के सहयोग से चलने वाला संगठन है । संस्था की ओर से राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में कठिन परिस्थितियों में भी विद्यालय चलाकर छात्रों को शिक्षा के साथ संस्कार देने का काम किया जा रहा है। विभिन्न प्रचार माध्यमों के सहारे उसे समाज को बताने की जरूरत है । हम लोग काम तो बहुत करते हैं, परंतु समाज उस रूप में जानता नहीं है। उसे समाज को दिखाने की जरूरत है। समाज में एक वर्ग ऐसा है जो देश को जोड़ने की बात करता है तो एक ऐसा भी वर्ग है जो तोड़ने की बात करता है। हम देश को जोडने वालों में से हैं।

विस्तार व विकास विषय पर प्रांत संगठन मंत्री ज्ञान सिंह ने बताया कि सभी जिला केन्द्र, विकास खण्ड, विकास खण्ड केन्द्रों को कार्ययुक्त करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। अपना कार्य सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी, सुदूर क्षेत्रों में भी शिक्षा का प्रसार हो, इसके लिए ऐसे स्थानों का चयन करना होगा। विद्यालयों में आधुनिक न्यूनतम संसाधनों को जुटाने का लक्ष्य होगा ।

समापन सत्र में विद्या भारती उत्तरक्षेत्र के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार अत्री जी ने कहा कि शिक्षा समाज तथा देश की दशा एवं दिशा निर्धारित करती है देश में शिक्षा के द्वारा ही सुधार संभव है । शिक्षा द्वारा ही समग्र विकास की कल्पना को साकार किया जा सकता है । विद्या भारती बिना सरकार की मदद के समाज के सहयोग से चलने वाला संगठन है। विद्या भारती शिक्षा के माध्यम से समाज में परिवर्तन के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है। एक स्वस्थ एवं सर्वांगीण विकास युक्त बालक का निर्माण, विद्यालय की स्थिति, संख्या, गुणवत्ता का विकास कर समर्थ भारत का निर्माण शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अभिभावक अच्छे संस्कारों के लिए अपने बालक का प्रवेश विद्यालय में कराता है । बाल केंद्रित, क्रियाधारित, गुणवतापूर्ण शिक्षा, शैक्षणिक दृष्टि से अच्छा विद्यालय, पंचपदी शिक्षण पद्धति, समाजोपयोगी शिक्षा, अर्थात समाज के लिए बालक कुछ करे, ऐसी शिक्षा व्यवस्था देने का विद्यालय प्रयास करे । अभिभावकों के विश्वास पर हमें खरा उतरना होगा । इस बैठक में प्रान्त के लगभग 60 कार्यकर्ताओं नें भाग लिया । वन्दे मातरम के साथ योजना बैठक का समापन हुआ।

और पढ़ें : देश का पहला डिजिटल स्कूल जयुपर में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here