वर्ष 2047 में दुनिया के शिखर पर होगा भारत : श्री दुर्गाशंकर मिश्रा
- देश आगे तभी बढ़ेगा जब लोग अपनी जिम्मेदारी समझेंगे : श्री दुर्गाशंकर मिश्रा
- युवाओं में देश भक्ति की भावना जगा रही विद्या भारती : श्री बृजेश पाठक जी
- हमें देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए : श्री स्वतंत्र देव सिंह
- युवाओं में जाग्रत करें देश-प्रेम की भावना : श्री हेमचंद्र जी
- हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेने की जरूरत : श्री संजय श्रीहर्ष
लखनऊ। हमारा देश जब 15 अगस्त, 2047 को आजादी के 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा, तब भारत दुनिया के शिखर पर होगा। अमृतकाल का यह समय सोते हुए सपने देखने का नहीं, बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प को पूरा करने का है। आने वाले 25 वर्ष परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग और तपस्या के हैं। हमें हर नामुमकिन को अपने संकल्प से सिद्धि तक ले जाना है। उक्त उद्गार विशिष्ट अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्रा जी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि के समापन कार्यक्रम में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, आरोग्य भारती एवं विश्व संवाद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में बीते एक वर्ष से चल रहा था।
मुख्य अतिथि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस बार स्वतंत्रता दिवस पर जिस प्रकार का भव्य उत्सव देखने को मिला, पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। देश के कोने-कोने में हर घर पर लोगों ने तिरंगा लगाया और सभी स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में डूबे नजर आए। लोगों में ऐसी देशभक्ति की भावना को जगाने में विद्या भारती जैसे संगठनों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के लोगों ने अपने जीवन को युवा पीढ़ी को ऐसी शिक्षा दीक्षा देने में समर्पित किया है, जिससे भारत की भावी पीढ़ी के लिए राष्ट्रहित ही सर्वोपरि हो। साथ ही युवा पीढ़ी अपने देश के नायकों के बलिदान को लेकर गर्व महसूस करे और भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान दे।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदेश के जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्रदेव सिंह जी ने कहा कि संघ से निकले स्वयंसेवक के मन में देश हित और समाज हित की भावना रहती है। वह सदैव देश और समाज की सेवा के लिए तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन क्रांतिकारियों और सेना के वीर जवानों को याद करने का है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन अमर शहीदों का कर्ज तो चुकाया नहीं जा सकता और न ही किसी चीज से तुलना की जा सकती है, लेकिन उनके सम्मान में राष्ट्रभक्ति के प्रयासों से समाज में जागरुकता अवश्य लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत पर कई विदेशी आक्रांताओं ने हमले किए, चाहें फिर वह मुगल हो या अंग्रेज़। लेकिन सम्पन्न संस्कृति वाले इस देश में समय-समय पर कोई न कोई महापुरुष जन्म लेकर भारत की रक्षा का दायित्व लेता रहा है। साथ ही वह भारत की रक्षा के लिए शहीद होते रहे हैं। उनका बलिदान हमें देश की रक्षा का संदेश और दायित्व भी सौंपता है। जिसका हमें निर्वाह करते हुए अपने देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से जो अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी, उसकी सफलता 15 अगस्त को दिखाई दी। स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रत्येक घर एवं प्रतिष्ठानों पर ध्वज फहरता दिखाई दिया। लोगों के अंदर देश के प्रति प्यार और समर्पण देखकर ऐसा लगा, जैसे सभी एक ही माला में पिरो दिए गए हों। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि हम अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी देश के कायाकल्प के लिए अपने कर्तव्यभाव रूपी अमृतभाव के साथ उमड़ पड़ा है। इतिहास साक्षी है कि किसी राष्ट्र का गौरव तभी जाग्रत रहता है, जब वो अपने स्वाभिमान और बलिदान की परम्पराओं को अगली पीढ़ी को भी सिखाता है, उन्हें संस्कारित करता है। उन्होंने विद्या भारती के स्कूलों में दी जाने वाली संस्कारयुक्त शिक्षा की तारीफ की।
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री हेमचन्द्र जी ने विद्या भारती द्वारा आयोजित किए जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को मनाने का उद्देश्य युवाओं के अंदर देश- प्रेम की भावना को उत्पन्न करना, देश के लिए बलिदान हुए उन रणबांकुरों को याद करना, इसके अलावां जो बलिदानी गुमनाम अवस्था में हैं, उनके बारे में लोगों को जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि हम जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि इतिहास संकलन समिति के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री संजय श्रीहर्ष जी ने कहा कि भारत का यह दुर्भाग्य है कि इस देश का इतिहास उन लोगों ने लिखना प्रारम्भ किया, जो कभी भारत आए ही नहीं और न ही वो भारत की भाषा को जानते थे। उन विदेशी इतिहासकारों ने यहां के गौरवपूर्ण इतिहास को धूमिल और अपमानित करने का प्रयास किया गया। ऐसे में भारत के गौरवपूर्ण इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस अमृत काल का आह्वान किया है, जिसका पूरे भारत वर्ष को हिस्सा बनना पड़ेगा, तभी हम आज़ादी के इस अमृत काल को जी पाएंगे।
इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका सृष्टि संवाद भारती के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन भी किया गया। भारतीय शिक्षा परिषद के सचिव श्री दिनेश जी ने अतिथियों का परिचय कराया। इससे पहले सेना के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी ने किया।
इस अवसर पर विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री श्री शिव कुमार जी, भाजपा विधायक श्री माधवेन्द्र प्रताप सिंह, श्री संजय शेरपुरिया जी, ले. जनरल दुष्यन्त सिंह, प्रो. डॉ. एम.एल.बी. भट्ट, प्रो. अजय मिश्र, श्री चन्द्र प्रकाश जी, श्री हरेन्द्र श्रीवास्तव जी, श्री रामकृष्ण चतुर्वेदी, श्री कमलेश जी, श्री शैलेश मिश्र जी, श्री राम तीरथ वर्मा जी, श्री उमाशंकर मिश्र जी, रजनीश पाठक जी, श्री राजेन्द्र बाबू जी, सह प्रचार प्रमुख श्री भास्कर दूबे जी समेत विद्या भारती के विद्यालयों के भैया-बहन मौजूद रहे।