जानिए विद्या भारती हर बार कैसे बनता है नंबर वन
विद्या भारती संगठन महज शिक्षण संस्थान नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र सेवा का मिशन है। इस मिशन से जुड़ा व्यक्ति किसी समयावधि में बंधकर काम नहीं करता, बल्कि 24 घंटे समर्पित भाव से कार्य करता है। यही विद्या भारती के छात्रों की कामयाबी की वजह है। –भुवन : प्रांत संगठन मंत्री (विद्याभारती)
उत्तराखंड | उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट में इस बार भी विद्या भारती के छात्रों का परचम लहरा रहा है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 छात्रों की लिस्ट में विद्या भारती के छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह पहली बार नहीं है, बल्कि हर बार बोर्ड रिजल्ट में विद्या भारती के छात्र छाए रहते हैं। दरअसल, विद्या भारती अपने विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पांच बुनियादों सूत्रों पर सतत रूप से काम करता है। यही पांच सूत्र विद्या भारती के छात्रों की सफलता की बड़ी वजह हैं।
विद्या भारती के पांच मंत्र:
1. प्रधानाचार्य सम्मेलन में हर साल का शैक्षिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियों का कैलेंडर तय कर दिया जाता है। इस कैलेंडर के अनुसार सभी गतिविधियों पर अनवरत काम किया जाता है।
2. विद्या भारती के विद्यालयों के आचार्यों का समर्पण सबसे महत्वूर्ण है। विद्यालय और विद्यालय के बाद भी आचार्य अपने छात्रों के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए प्रयासरत रहते हैं।
3. प्रत्येक छात्र के अभिभावक से हर पंद्रहवे दिन आचार्य अनिवार्य रूप से भेंट करते हैं। उनके साथ छात्र के शैक्षिक विकास, उसकी अच्छाइयों और कमियों पर गंभीरता से चर्चा करते हैं और समाधान ढूंढते हैं।
4. हर वर्ष कक्षा पांच और कक्षा आठवीं के छात्रों की एक विशिष्ट प्रकार की मेधावी परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा के आधार पर छात्र के भावी शैक्षिक विकास, अभिरुचियों का आकलन हो जाता है।
5. गत पांच वर्ष से शिक्षा के बदलते स्वरूप और वर्तमान समय की आवश्यकताओं को देखते हुए आचार्यों के लिए प्रशिक्षण की संख्या बढ़ाई गई है। आचार्यों को शिक्षा में आ रहे बदलाव के प्रति अपडेट रखा जाता है और नई विधाओं की सतत जानकारी
दी जाती है।
टॉपर्स में 45 प्रतिशत विद्या भारती के छात्र
विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक डॉ. विजयपाल सिंह के अनुसार उत्तराखण्ड में विद्या भारती से संबद्ध 633 विद्यालय हैं, जिनमें लगभग 140 माध्यमिक विद्यालय हैं। उत्तराखण्ड बोर्ड की दसवीं व बारहवी की वरीयता सूची में 40 से 45 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के सरस्वती विद्या मन्दिरों के छात्र-छात्राओं ने प्राप्त किये हैं, जबकि बोर्ड की दसवी की परीक्षा में बैठे कुल छात्रों में विद्या भारती के छात्रों का प्रतिशत मात्र 6 प्रतिशत है। बोर्ड द्वारा घोषित 134 टॉप विद्यार्थीयों में 60 विद्यार्थी विद्या भारती के विद्यालयों के हैं। कक्षा-12 में विद्या भारती के विद्यार्थियों ने 45 प्रतिशत मेरिट पर कब्जा किया है। इंटर की वरीयता सूची में 33 यानि 40 प्रतिशत स्थान विद्या भारती के विद्यार्थियों ने प्राप्त किए हैं। इण्टमीडिएट में सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर हरिद्वार की दीया राजपूत ने 97 प्रतिशत अंक के साथ राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। बागेश्वर के सुमित सिंह मेहता और सरस्वती विद्या मन्दिर जसपुर के दर्शित चौहान ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कक्षा-10 में विवेकानन्द विद्या मन्दिर मण्डलसेरा, बागेश्वर की रवीना कोरंगा ने प्रदेश में तीसरा, नगरस्वती विद्या मन्दिर चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी की समीक्षा व स०वि०म० बेलनी रुद्रप्रयाग के नितिन बिष्ट ने छठा स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में सातवें, आठवें, नवें तथा दसवें स्थान पर भी विद्या भारती के विद्यार्थियों का नाम है।