महामहिम राज्यपाल माननीय राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का उद्बोधन
बटहा (बिहार)। सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल, बटहा के रजत जयंती वर्ष पर महामहिम राज्यपाल माननीय राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने डॉ. रामस्वरूप महतो की प्रतिमा का अनावरण एवं बाल वाटिका का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल ने कहा कि बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है। यहां नालंदा जैसे विश्वविद्यालय रहे हैं।
बिहार के विद्यार्थी देश के विभिन्न राज्यों में हैं। बिहार के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता क्यों है?
हमें अपनी त्रुटियों को पहचानने की आवश्यकता है। हमारे देश की अपनी सभ्यता रही है, अपनी संस्कृति रही है। बीच के काल खंडों में इस पर विचार नहीं किया गया, लेकिन देर से ही सही एक उदार शिक्षा नीति लेकर हम आए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर अपने देश को परम वैभव की ओर ले जाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
शिक्षा नीति से ही देश विकसित होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी प्राचीन गौरवशाली परंपरा से निकली है। यह हमें जमीन से जोड़ने वाली है। औपनिवेशिक से बाहर निकालने वाली शिक्षा नीति है।देश को 1947 में आजादी मिली लेकिन यह एक राजनीतिक आजादी थी। आने वाले 25 वर्ष स्वजागरण वाले होंगे। हमारी अपनी परंपरा होगी। स्वस्थ शिक्षा होगी। हमारी शिक्षा इस प्रकार की हो, कि विश्व के लोग पुनः यहां शिक्षा प्राप्त करने आने लगें। आगामी 25 वर्षों में हमारा देश सोने की चिड़िया नहीं, सोने का शेर बनेगा। हमारा विश्वास इस दिशा में जाना चाहिए। ऋषियों एवं मनीषियों के विचारों को लेकर ही शिक्षा नीति बनाई गई है।
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