Home आंध्र प्रदेश ‘दादा-दादी दिवस’ समारोह

‘दादा-दादी दिवस’ समारोह

29
0
‘Grandparents Day’ celebration

ग्रैंड पेरेंट्स डे एक दिल छू लेने वाला और यादगार उत्सव है। यह विशेष दिन उनकी बहुमूल्य भूमिका को सम्मानित करने के लिए समर्पित था। “बच्चों को सबसे ज़्यादा ज़रूरत उन ज़रूरी चीज़ों की होती है जो दादा-दादी प्रचुर मात्रा में प्रदान करते हैं। वे बिना शर्त प्यार, दया, धैर्य, हास्य, आराम एवं जीवन के लिए सबक देते हैं। एक बच्चे को एक अपरिचित दुनिया में थोड़ा और अधिक सुरक्षित रूप से विकसित होने के लिए दादा-दादी की ज़रूरत होती है।”

“श्री विद्यारण्या पाठशाला” में ‘दादा-दादी दिवस’ मनाना एक परंपरा है क्योंकि यह दिन हमें उस संबंध को संजोने और कुछ महत्वपूर्ण समय को अपने पारिवार के साथ बिताने का अवसर देता है। इस विशेष दिन की योजना के लिए नामित शिक्षकों के साथ मुख्य शिक्षक द्वारा कार्यक्रम की अच्छी तरह से योजना बनाई गई थी। सभी दादा-दादी को उनके पोते-पोतियों के साथ ई-इनवाइट के जरिए आमंत्रित किया गया था।
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य दादा-दादी को उनके परिवार के लिए किए गए सभी कार्य एवं त्याग के लिए सम्मानित करना और बच्चों के बीच उनके द्वारा दिए जाने वाले नैतिक समर्थन, जानकारी और मार्गदर्शन के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत समारोह और प्रार्थना से हुई। स्कूल के प्राचार्य श्रीमान गोकूलन आचार्य एवं स्कूल के सचीव श्रीमान मल्लय्या आचार्य ने अपने अमूल्य विचार व्यक्त किया। दादा-दादी की उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया और उनके महत्व पर प्रकाश डाला कार्यक्रम विभिन्न गतिविधियों से परिपूर्ण था। प्रतिभागियों ने विभिन्न गतिविधियों और खेलों में भाग लिया जिससे दादा-दादी और उनके पोते-पोतियों के बीच बंधन मजबूत हुआ।

उत्सव को जीवंत उत्सव का एहसास दिलाने के लिए कई रोमांचक खेल आयोजित किए गए। दादा-दादी और नाना-नानी ने अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्हें अपने पोते-पोती के साथ कुछ सुखद और सुकून भरे पल बिताने का मौका मिला। इस कार्यक्रम ने दादा-दादी और पोते-पोतियों के बीच विशेष बंधन को प्रदर्शित किया। जब दादा-दादी ने अपने बचपन की कहानियाँ साझा कीं तो सभाघर हँसी और खुशी से भर गया।

कुछ दादा-दादी ने अपना आभार इस प्रकार व्यक्त किया –
1. दादा-दादी में से एक ने बताया कि वे विजयवाड़ा से यहां आये थे , खासकर इसलिए क्योंकि उनके पोते ने उनसे आग्रह किया था।
2. आज दादा-दादी दिवस का उत्सव वास्तव में हमारे लिए एक दिल छू लेने वाला अनुभव था। इस अद्भुत कार्यक्रम के लिए पूरा परिवार एकत्र हुआ। प्रिंसिपल और स्वीस पाठशाला की पूरी टीम को विशेष धन्यवाद।
3. इतना शानदार “दादा-दादी दिवस” मनाने के लिए स्कूल प्रबंधन का बहुत आभारी हूं। आज सुबह 10.0 बजे दादा-दादी की बैठक में शामिल होकर हमें बहुत खुशी हुई। यह एक दिलचस्प और मनोरंजक कार्यक्रम थ। बच्चों में उत्साह और उमंग देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। खेल सबसे आनंददायक थे। कुल मिलाकर यह अच्छी तरह से प्रबंधित और आनंददायक कार्यक्रम था। हमें यह अद्भुत क्षण देने के लिए धन्यवाद।

यह स्पष्ट था कि सभी प्रतिभागियों ने जीवन भर याद रखने वाली यादों को संजोया और कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया।

 

और पढ़ें : अटल टिंकरिंग लैब: नवाचार का केंद्र

Previous articleछात्र स्तर पर अध्ययन की कुंजी: वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश
Next articleश्रध्देय विनायकराव फाटक समूहगान प्रतियोगिता सम्पन्न

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here