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कोहिमा में 18वें कृष्णचंद्र गांधी पुरस्कार समारोह और एनईपी 2020 पर संगोष्ठी का आयोजन

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कोहिमा — पूर्वोत्तर जनजाति शिक्षा समिति द्वारा कोहिमा में 18वें कृष्णचंद्र गांधी पुरस्कार समारोह एवं एनईपी 2020 पर संगोष्ठी का आयोजन किया। इस समारोह में नागालैंड के शिक्षा और हिंदी प्रचारक श्री जाकिनेई खोउब्वे को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नागालैंड के उच्च शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री तेमजेन इम्ना अलोंग थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा और एससीईआरटी के सलाहकार डॉ. केख्रिएलहौली योम तथा मुख्य वक्ता विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दुसी रामकृष्ण राव उपस्थित थे। विद्या भारती के मंत्री ब्रह्माजी राव और अन्य गणमान्य नागरिक भी समारोह में शामिल हुए।

पुरस्कार स्वरूप, श्री जाकिनेई खोउब्वे को मानपत्र, स्थानीय परंपरागत वस्त्र और 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। खोउब्वे ने नागालैंड में हिंदी भाषा के प्रचार के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसमें कोहिमा हिंदी शिक्षक संघ की स्थापना और एससीईआरटी कोहिमा के सहयोग से कक्षा 5-8 के लिए हिंदी पाठ्यपुस्तकों का विकास शामिल है।

एनईपी 2020 पर संगोष्ठी और नागालैंड में शिक्षा का भविष्य

इस अवसर पर “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में चुनौतियाँ” विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इम्ना अलोंग ने इस अवसर पर एनईपी 2020 के नागालैंड की शिक्षा प्रणाली में सुदृढ़ परिवर्तनकारी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में शिक्षकों, सामुदायिक नेताओं और सरकारी विभागों की संयुक्त भूमिका है और नागालैंड में हिंदी भाषा के प्रचार में श्री जाकिनेई खोउब्वे के समर्पण की सराहना की।

एससीईआरटी के सलाहकार डॉ. केख्रिएलहौली योम ने नागालैंड की शैक्षिक स्थिति पर चर्चा करते हुए बताया कि बालिकाओं के मध्य साक्षरता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे किफिरे में विद्या भारती द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र में सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।

विद्या भारती के अध्यक्ष डॉ. दुसी रामकृष्ण राव ने एनईपी 2020 की व्यापक दृष्टि को रेखांकित करते हुए इसे भारत की शैक्षिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को जीवन में बदलाव, चरित्र निर्माण और ज्ञान के विकास के लिए अनिवार्य बताया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के हालिया जारी संस्करण और शिक्षकों के निरंतर प्रशिक्षण की महत्ता पर भी जोर दिया।

नागालैंड के मुख्य सचिव डॉ. जे आलम ने राज्य सरकार की एनईपी 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। राज्यपाल के सचिव और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राजेश सुंदराजन ने इस क्षेत्र में शिक्षा के उत्थान में विद्या भारती के योगदान की प्रशंसा की।

संगोष्ठी में विभिन्न संस्थाओं की भागीदारी

यह संगोष्ठी नागालैंड सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय और जनजाति शिक्षा समिति नागालैंड के सहयोग से आयोजित की गई थी, जिसमें विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र और अन्य शैक्षणिक एवं स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की।

इस अवसर पर हिंदी विद्वान और साहित्यकार पद्मश्री प्यॉंग तेमजेन जमीर की पुस्तक का भी विमोचन किया गया, जो हिंदी भाषा और साहित्य में उनके योगदान को श्रद्धांजलि स्वरूप है।

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