Home उत्तर बिहार ग्राम विकास योजना, नालंदा, बिहार (सरस्वती संस्कार केन्द्र)

ग्राम विकास योजना, नालंदा, बिहार (सरस्वती संस्कार केन्द्र)

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पू. त. ज. म. सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर, राजगीर, बिहार द्वारा विगत 22 वर्षों से ग्राम विकास योजना के अंतर्गत सरस्वती संस्कार केन्द्र संचालित है। यहाँ शिक्षा, सेवा तथा संस्कार के अनेकों कार्य समाज के लिए किए जा रहें है। आज समाज में इसका सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहा है। अनेकों महिलाएँ स्व-रोजगार का सृजन कर अपना जीवन-यापन कर रही है। अनेकों छात्रों ने संस्कार केन्द्र में आकर स्वयं को शिक्षित किया तथा साथ ही रोजगार प्राप्त करने में भी सक्षम हुए हैं। आज समाज में विद्यालय के प्रति अपनत्व का भाव बढ़ा है तथा इस विद्यालय को अपना विद्यालय कहकर पुकारते हैं। समय-समय पर कीर्तन मंडली के द्वारा मानस पाठ का आयोजन किया जाता है। विद्यालय के द्वारा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने हेतु बच्चों के द्वारा ग्रामों में खिचड़ी भोज व रक्षाबंधन में रक्षा सूत्र बाँधने का कार्य छात्रावासीय छात्रओं के द्वारा किया जाता है। आज संस्कार केन्द्रों की अपनी एक अलग पहचान इस क्षेत्र में बनी है। कोरोना काल के बाद क्षेत्र में फिर से संस्कार केन्द्र की योजना अनवरत चलने लगी है यह एक सुखद अवसर है।

वर्तमान समय में चल रहे नालंदा विभाग के संस्कार केन्द्र व आचार्य / शिशु का विवरण इस प्रकार है

कुल संस्कार केन्द्र 17 | कुल आचायों की संख्या 18 | कुल छात्रों की संख्या – 476

कार्य एवं उद्देश्य

  • शिक्षा, सेवा एवं संस्कार के उद्देश्य से ग्रामों में कार्य ।
  • आध्यात्मिक भाव जागरण हेतु मानस पाठ कीर्तन मंडली, प्रवचन एवं शिव चर्चा ।
  • बालकों का निःशुल्क शिक्षण ।
  • स्वावलंबन की ओर बढ़ता हमारा गाँव ।
  • महिला सशक्तिकरण तथा स्वरोजगार की ओर उन्मुख ।
  • महिला सिलाई प्रशिक्षण ।
  • हरा-भरा ग्राम हेतु वृक्षारोपण ।
  • खुली शौच के प्रति जागरूकता ।
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की योजना से परिचित कराना ।
  • स्वच्छ ग्राम की संकल्पना ।

उपलब्धियाँ

  • बालकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता का भाव ।
  • शिक्षा के प्रति रूचि, सामाजिक जागरण तथा सामाजकि कार्यों में सहयोग करना ।
  • धार्मिक पर्व / त्योहारों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान यथा भजन / कीर्तन व प्रवचन ।
  • अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में सहभागिता ।
  • ( सन् 2019 में 2000 महिलाओं की)
  • राष्ट्रीय पर्वो में उत्साहपूर्वक झंडोतोलन ।
  • RTI के तथा बालकों का शिक्षण ।

संपादित कार्यक्रम

  • चित्रकला प्रतियोगिता ।
  • पहाड़ा सम्राट प्रतियोगिता ।
  • समरसता दिवस में खिचड़ी भोज ।
  • रक्षाबंधन उत्सव केन्द्रों पर ।
  • रामचरितमानस पाठ ।

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