‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ के क्रियान्वयन हेतु जुटे जम्मू से लेकर दिल्ली तक के प्रमुख शिक्षाविदों द्वारा विचार मंथन संपन्न
अब शिक्षा पर समग्रता से विचार करने की आवश्यकता है – विजय नड्डा, संगठन मंत्री, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र
13 मई, विद्या धाम, जालंधर |‘NEP 2020’ में विद्यालयीन व उच्च शिक्षा पर समग्रता से विचार किया गया | अब हम सबको भी शिक्षा पर समग्रता से विचार करने की आवश्यकता है | ऐसा विचार किए बिना हम शिक्षा के उच्च लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते हैं |शिक्षा पर समग्रता से विचार करते समय पुस्तकीय ज्ञान के साथ–साथ इसके विभिन्न आयामों पर भी चर्चा के उपरांत योजना बनाकर उसको क्रियान्वित करना है |
शिक्षा के अनेक आयाम जैसे – छात्रों में कौशल विकास, शिशु वाटिका या पूर्व प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था, ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, बालिकाओं की शिक्षा, जनजातीय और झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले बालकों की शिक्षा, शिक्षा से जुड़े सभी घटकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना आदि, हैं | इस हेतु सबसे पहले इन विषयों की संकल्पना स्पष्ट होनी चाहिए | हम संगठन द्वारा दिए अपने विषय के महत्व को समझें | इन सभी का महत्व समान है | इन सभी आयामों के क्रियान्वयन हेतु कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है | इस हेतु आचार्य प्रधानाचार्यों के अतिरिक्त कार्यकर्ता जोड़ने होंगे | कम से कम तीन मास का समय देने वाले पूर्णकालिक कार्यकर्ता तैयार करने हैं | ये प्रेरणादायक एवं मार्गदर्शक शब्द शिक्षा क्षेत्र के मौलिक चिंतक व विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा ने कहे |
उल्लेखनीय है कि शिक्षा के विभिन्न आयामों पर विचार मंथन हेतु विद्या भारती, पंजाब के मुख्यालय विद्या धाम में 12 व 13 मई को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ| इसी के समापन सत्र में विजय नड्डा ने ये शब्द कहे | इस कार्यशाला में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र (लद्दाख, जम्मू, कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली) के प्रमुख शिक्षाविद व सेवाभावी कार्यकर्ता आए हुए थे | इन दो दिनों में शिक्षा के आयामों पर गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श के उपरांत निर्णय लिए गए जो विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के लगभग 450 विद्या मंदिरों में क्रियान्वित किए जाएंगे | ये निर्णय छात्र आधारित होंगे | इस कार्यशाला में कुल 8 सत्रों में सारी चर्चा संपन्न हुई |
नड्डा ने विद्या धाम के डा. भीमराव अंबेडकर सभागार में कार्यशाला के प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि प्रांत कार्यालय से चर्चा कर शिक्षा के इन आयामों का प्रांत केंद्र विकसित करना चाहिए जहां विषय से संबंधित सभी साधन और रिकार्ड उपलब्ध हो | आगे मार्गदर्शन करते हुए विजय नड्डा ने कहा कि हमें अपने और अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं मे नेतृत्व के गुणों का विकास करना होगा | नए कार्यकर्ताओं को अपने कार्य की पूर्ण कल्पना देना कठिन है परंतु एक बार उनको कार्य समझ आ जाने के बाद हमें योजना के क्रियान्वयन में बहुत सुगमता होगी | उन्होंने विशेष रूप से कहा कि इन सब योजनाओं के क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक का उपयोग भी करना होगा |
इसके पूर्व ‘देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’ गीत सभी शिक्षाविदों ने सामूहिक स्वर में गाकर देशभक्ति का समां बाँध दिया | इसके उपरांत अधिकारियों राजेंद्र कुमार, देशराज शर्मा, विजय नड्डा, सुरेंद्र अत्री आदि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया | कार्यशाला के आठों सत्रों का संचालन प्रमुख शिक्षाविद और विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने किया | दिल्ली से शिशु वाटिका प्रमुख नम्रता दत्त, कुरुक्षेत्र से प्रचार प्रमुख संजय चौधरी, चंडीगढ़ से कौशल विकास प्रमुख सुभाष महाजन, भीखी (पंजाब) से शैक्षिक प्रमुख गगनदीप पराशर और जालंधर से प्रशिक्षण प्रमुख और संघ के वरिष्ठ प्रचारक हर्ष कुमार आदि सहित कुल 68 शिक्षाविद इस कार्यशाला में उपस्थित रहे |
फोटो की कैप्शन –
- मंच बाएं से दाएं सुरेंद्र अत्री, विजय नड्डा और देशराज शर्मा
- कार्यशाला में उपस्थित कार्यकर्ता
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