नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें युवाः राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय
भारत की शिक्षा में भारतीयता जरूरीः केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

जालंधर । केंद्रीय सूचना प्रसारण, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने डॉ. भीमराव अंबेडकर एन.आई.टी. में “शिक्षा का महाकुंभ RASE-23” का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को साढ़े छह लाख लोगों के सुझाव प्राप्त होने के पश्चात लागू किया गया है। शिक्षा का माध्यम मातृभाषा रहना चाहिए और यह मूल्य आधारित होनी चाहिए। भारतीयता के आधार पर भारत की शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। भारत की शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता का समावेश होना चाहिए।
हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तीन बिदुओं पर विशेष बल दिया गया है – तकनीक, इनोवेशन और रिसर्च। भारत के प्राचीन ज्ञान को नवीन ढंग से प्रस्तुत करके देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह शिक्षा नीति बनाई गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे 2030 तक पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हरियाणा में 2025 तक ही लागू हो जाए ऐसा मेरा प्रयास है। महामहिम ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या का समाधान स्वयं हमारे पास है और वह है युवाओं में कौशल विकास। हम नौकरी करने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें।
विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री श्री देशराज शर्मा ने कहा कि शिक्षा कौशल आधारित होनी चाहिए। प्राचीन ज्ञान के आधार पर वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्ण रूप से सक्षम है। स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री सतीश कुमार ने कहा कि देश की युवा शक्ति आधुनिक तकनीक में पारंगत और अपने देश की परंपराओं व महापुरुषों पर गर्व करने वाली होनी चाहिए। विद्या भारतीय के अध्यक्ष श्री डी. रामकृष्ण राव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने वाली है। अतः हम सभी का कर्तव्य है कि इसे लागू करने के लिए तैयार हो जाएं। डॉ. आदर्शपाल विग, चेयरमैन पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण होना चाहिए जिससे छात्र राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकें। उत्तम हिंदू समाचार पत्र के मुख्य संपादक इरविन खन्ना ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का संपूर्ण विकास होना चाहिए।
विद्या भारती अध्यक्ष श्री डी. रामाकृष्णन राव ने कहा कि इस प्रोजैक्ट के माध्यम से देश के 161 राष्ट्रीय महतव के शिक्षण संस्थान में इन सेंटर को स्थापित किया जाएगा ताकि वहां के शिक्षक इन सेंटर में विद्यार्थियों को शिक्षा दे सकें। उन्होंने बताया उन्होंने बताया कि इस महाकुंभ में 18 राज्यों के एक दर्जन के करीब कुलपति, निदेशक व अन्य शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे जिन पर चिंतन मंथन किया गया। इसके अलावा देशभर से 2689 लोगों ने भाग लिया 1187 स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों के लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि देश के 15 लाख स्कूलों से शोध पत्र आएं। इससे हम चीन का भी रिकॉर्ड तोड़ कर नंबर वन बनने की ओर अग्रसर होंगे।
उन्होंने बताया कि इस महाकुंभ में 18 राज्यों के एक दर्जन के करीब कुलपति, निदेशक व अन्य शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे जिन पर चिंतन मंथन किया गया। इसके अलावा देशभर से 2689 लोगों ने भाग लिया 1187 स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों के लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि देश के 15 लाख स्कूलों से शोध पत्र आएं। इससे हम चीन का भी रिकॉर्ड तोड़ कर नंबर वन बनने की ओर अग्रसर होंगे।

और पढ़ें :– अखिल भारतीय बैठक (अखिल भारतीय टोली, क्षेत्र मंत्री-संगठन मंत्री)