संगोष्ठी का उद्घाटन विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर और अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार ने किया।

भुवनेश्वर। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में उड़ीसा प्रांत के पुरी में गोवर्धनमठ परिसर में वैदिक गणित की तीन दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर और अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार ने किया।इस अवसर पर देश भर से आए वैदिक गणित के विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार ने इसे जनव्यापी बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने देश के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में वैदिक गणित को गणित की एक विधा के रूप में पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने पर जोर दिया। अखिल भारतीय मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए छात्र-छात्राओं को वैदिक गणित का अभ्यास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि गणितीय चिंतन शक्ति और वैज्ञानिक मानस बच्चों में विकसित हो, यह बहुत आवश्यक है। गणितीय चिंतन शक्ति का मतलब केवल गणित के सवाल हल करना नहीं, बल्कि यह सोचने का एक तरीका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन बिंदुओं को कैसे शामिल किया जाए, यह एक चुनौती है? यह प्रश्न राष्ट्रीय विद्यालय पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क से भी जुड़ा है। विद्या भारती ने अपने बहुत से शिक्षकों को वैदिक गणित के लिए प्रशिक्षित किया है। गणित के पाठ्यक्रम में वैदिक गणित को सम्यक रूप से समाहित करने पर विचार किया जाना चाहिए। एनईपी में शोध-अनुसंधान पर बहुत बल है। वैदिक गणित इस मामले में भी उपयोगी है।