जीएलटी सरस्वती बाल मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नेहरू नगर, दिल्ली
दिल्ली। NEP-2020 के बाद देश ने सीखने-सिखाने का एक नया चिंतन प्रारंभ कर दिया है। इसके तहत सीखने पर आधारित बाल-केंद्रित शिक्षा अपनाते हुए जीएलटी सरस्वती बाल मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नेहरू नगर, दिल्ली निरंतर प्रयत्नशील है। इसी कड़ी में विद्यालय के सभी आचार्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण की श्रृंखला शुरू की गई। विद्यालय ने शैक्षणिक व आवश्यकता आधारित प्रशासनिक दोनों दृष्टिकोण से सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण के लिए इस वर्ष 25 सत्र आयोजित किए। सभी शिक्षकों को तज्ञ विषय-विशेषज्ञ के रूप में स्वाध्याय करने, किसी नए शिक्षण-अधिगम को समझने और मूल्यांकन शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए स्वप्रेरणा से चयनित विषय पर सत्र आयोजित करने का अवसर प्रदान किया गया। इन प्रशिक्षण कार्यशालाओं का समय दोपहर बाद 40-45 मिनट रखा गया जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित न हो।
प्रशिक्षण में अनुभवात्मक शिक्षा, कहानी सुनाना, आईसीटी का उपयोग, खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र, छात्रों का 360° आकलन, विशेष आवश्यकता वाले छात्रों की पहचान और परामर्श, उत्तर-पुस्तिकाओं का आकलन, परीक्षा में अंतर्दृष्टि, समावेशी शिक्षा आदि पर जोर दिया गया। प्रत्येक सत्र के दौरान संकाय सदस्यों को गतिविधियों और संदर्भ सामग्री के पत्रक आदि भी प्रदान किए गए। प्रधानाचार्य वीना गोयल जी ने भी स्वयं विषय तज्ञ के रूप में प्रेरित करने का कार्य किया। विषय के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक आवश्यकताओं जैसे शिक्षक डायरी, उपस्थिति रजिस्टर के रखरखाव, छात्र के पोर्टफोलियो आदि का भी प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा एनईपी के आधार पर शिक्षण और पाठ योजना कौशल को निखारने के लिए ब्लूम टैक्सोनॉमी, हॉवर्ड गार्डनर की थ्योरी ऑफ मल्टीपल इंटेलिजेंस पर सत्र के साथ भारतीय शिक्षा पद्धति पर विशेष जोर दिया गया। विद्यालय में छात्रों के समग्र विकास हेतु पंचकोशीय शिक्षा पद्धति आधारित नवीन शिक्षण तकनीकों का प्रयोग किया जाने लगा है।