विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की साधारण सभा की बैठक दिनांक 21 एवं 22 मई 2022 को भाग्यनगर (तेलंगाना) में सम्पन्न हुई। साधारण सभा में 21 प्रदेशों के कुल 131 प्रतिनिधि सम्मिलित हुए जिसमें 21 महिला प्रतिनिधि शामिल थीं। उद्घाटन, समापन के अतिरिक्त सात तकनीकी सत्रों में सम्पन्न इस बैठक में अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें संस्था के संविधान में संशोधन, प्रांत स्तर पर संगठनात्मक स्वरूप के निर्धारण एवं विस्तार, भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय भाषाओं को जन विमर्श तक पहुँचाने की रणनीति, भारतीय मनोविज्ञान एवं स्त्री विमर्श इत्यादि प्रमुख रहे। इस बैठक में देशभर से आए प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के अतिरिक्त सह सरकार्यवाह मा. कृष्णगोपाल जी, संस्कृत भारती के चमूकृष्ण शास्त्री जी, विद्या भारती अखिल भारतीय के अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव जी, विद्या भारती दक्षिण क्षेत्र एवं प्रांत के संगठन मंत्री उपस्थित रहे। मा. कृष्णगोपाल जी ने अपने उद्बोधन में सदियों तक षड्यंत्र के तहत उपेक्षित की गई भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम एवं शिक्षण पद्धति में दुबारा लाने का आह्वान किया ताकि देश के युवा राष्ट्रीयता के भाव से ओतप्रोत हो एवं समरस समाज बना भारत को विश्वगुरु के पद पर पुनः स्थापित कर सकें। वहीं डी. रामकृष्ण राव जी ने विद्या भारती में किए जा रहे नवाचारों से अवगत कराया।
अंतिम सत्र में प्रो. कैलाशचन्द्र शर्मा जी को अध्यक्ष के पद पर दुबारा चुना गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अखिल भारतीय प्रबंधकारिणी के सदस्य एवं पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की। संशोधित व्यवस्था में अध्यक्ष पाँच उपाध्यक्ष, पाँच मंत्री, कोषाध्यक्ष के अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होंगे। नई कार्यकारिणी में निवर्तमान संगठन मंत्री श्री प्रकाशचंद जी को उपाध्यक्ष, प्रो. नरेन्द्र कुमार तनेजा जी को महामंत्री, श्री के. एन. रघुनंदन जी को संगठन मंत्री बनाया गया।