‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020’ में श्रेष्ठ आचरण वाले नागरिकों का निर्माण करने की क्षमता है – हर्ष कुमार, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र प्रशिक्षण प्रमुख
20 मई, विद्या धाम जालंधर | ‘विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना मात्र स्कूल चलाने के लिए नहीं की गई है | विद्या भारती का उद्देश्य तो समाज में शिक्षा का प्रतिमान खड़ा करना है | शिक्षा का ऐसा प्रतिमान समाज में प्रस्तुत करना जिसके द्वारा श्रेष्ठ आचरण वाले नागरिकों का निर्माण हो | प्राचीन काल से ही अपने देश में शारीरिक साज श्रृंगार व वस्त्रों का नहीं बल्कि आचरण का महत्व रहा है | प्रसन्नता के बात है कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020’ में श्रेष्ठ आचरण वाले नागरिकों का निर्माण करने की क्षमता है |’ ये भावपूर्ण शब्द विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के प्रशिक्षण प्रमुख हर्ष कुमार ने विद्या भारती, पंजाब के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के उद्घाटन सत्र पर उपस्थित प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए ‘माधव सभागार’ में कहे | पंजाब के कोने कोने से 124 विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्य और चयनित आचार्य/दीदियां इस वार्षिकोत्सव में प्रतिभागिता कर रहे हैं जिनकी संख्या 300 से अधिक है | आगे मार्गदर्शन करते हुए हर्ष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 में विद्या भारती के नाम का भी उल्लेख किया गया है जो हमारे आचार्य/दीदियों के परिश्रम का ही परिणाम है |
वार्षिकोत्सव की भूमिका रखते हुए फरीदकोट के मूल निवासी और पंजाब के महामंत्री डा.नवदीप शेखर ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले आचार्य/दीदियों का चयन कर उनको सामने लाना और सम्मानित करना, इस वार्षिकोत्सव का उद्देश्य है | इससे पूर्व मानसा के मकबूल अहमद ने मधुर स्वर में मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की | मामून कैंट (पठानकोट) विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य विशाल ने ‘लक्ष्य तक पहुंचे बिना पथ में पथिक विश्राम कैसा’ गीत गाकर वातावरण को अति भावपूर्ण बना दिया | इस उद्घाटन सत्र का ओजस्वी मंच संचालन मोहाली विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य विजय आनंद जी ने किया जबकि अध्यक्षता रिटायर्ड प्रिंसिपल और ख्याति प्राप्त लेखक डा.धर्मपाल शाही(तलवाड़ा) ने की | अध्यक्ष मेजर जनरल सुरेश खजूरिया जी ने आशीर्वचन कहे |
उद्घाटन सत्र के बाद वार्ता करते हुए विद्या भारती, पंजाब के संगठन मंत्री राजेंद्र कुमार ने बताया कि इस वार्षिकोत्सव में कुल में कुल 9 सत्र होने वाले हैं जिसमें प्रतिभागियों अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे जिसमें मुख्यरूप से प्रश्न मंच प्रतियोगिता और रंगमंचीय कार्यक्रम मुख्य रहने वाले हैं | समापन सत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आचार्य/दीदियों को सम्मानित भी किया जाएगा | इस उद्घाटन सत्र में चंडीगढ़ से सुभाष महाजन, जयदेव वातिश, अर्चना नागरथ, कमल दीप संधू, अनिल शास्त्री, डेराबस्सी से दीनानाथ शास्त्री व पवन कुमार, मोरिंडा से लक्ष्मण सिंह व जितेंद्र शर्मा, खनौरी से हरि नारायण पटेल, नाभा से सुभाष शर्मा, मालेरकोटला से प्रेम सिंह खिमटा, भीखी से संजीव, मानसा से जगदीप पटियाल, मुक्तसर से पूर्ण सिंह, अबोहर से जोली मोंगा, अमृतसर से रीना ठाकुर और फतेहगढ़ चूड़ियाँ से सरदार सुरेंद्र सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे |
फोटो की कैप्शन –
- मंच पर वंदना करते हुए बाएं से दाएं – हर्ष कुमार, डा.धर्मपाल शाही, मेजर जनरल सुरेश खजूरिया, डा. नवदीप शेखर और जयदेव वातिश
प्रेषक – करन सिंह, प्रांत संवाददाता, विद्या भारती पंजाब
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