जालौन के अतुल निगोतिया, अंकुर त्रिगुनायक, भीलवाड़ा के वैभव उपाध्याय और रांची के सोहन यादव ने निभाई अहम भूमिका
जालौन/भीलवाड़ा/रांची । चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण में यूपी के जालौन के 2 वैज्ञानिक भी शामिल हैं जो सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र रहे हैं। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामगोपाल त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व छात्र अतुल निगोतिया और अंकुर त्रिगुनायक ने मिशन चंद्रयान-3 की लीड टीम का हिस्सा बनकर विद्यालय परिवार, जिले के साथ प्रदेश का मान बढ़ाया है।
इसरो वैज्ञानिक अतुल निगोतिया ने 1995 में झांसी रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से हाईस्कूल उत्तीर्ण किया था। वैज्ञानिक अंकुर त्रिगुनायक ने वर्ष 1996 में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज उरई से हाईस्कूल उत्तीर्ण किया था।
चन्द्रयान-3 की लॉन्चिग में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा कस्बे के वैभव उपाध्याय ने भी अहम भूमिका निभाई है। वैभव ने प्रोजेक्ट मैनेजर और मल्टीमीटर डिजाइनिंग इन्चार्ज के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। वैभव ने आदर्श विद्या मंदिर शाहपुरा में प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की थी।
मिशन चंद्रयान-3 में रांची के वैज्ञानिक सोहन यादव भी शामिल हैं। उनके पिता ट्रक ड्राइवर हैं और मां गृहिणी हैं। उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर से पढ़ाई की है। वह रांची के तोरपा क्षेत्र के तपकरा गांव के रहने वाले हैं। इसरो में सोहन यादव आर्बिटर इंटिग्रेशन और टेस्टिंग टीम में शामिल हैं। सोहन यादव मिशन गगनयान से भी जुड़े हैं। सोहन यादव ने तपकरा स्थित शिशु मंदिर में प्राथमिक शिक्षा की है।
चंद्रयान-3 मिशन में रांची की है विशेष भूमिका
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में रांची की विशेष भूमिका रही है। इसके लॉन्चिंग पैड की डिजाइन रांची स्थित मेकन संस्थान ने तैयार की है, जबकि 84 मीटर ऊंचे लॉन्चिंग पैड का निर्माण भी रांची के एचईसी में ही किया गया था।