कुरुक्षेत्र । विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में उपयोग की जाने वाली कक्षा 4 से 12 तक की बोधमाला पुस्तकों के पुनर्लेखन के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्या भारती के महामंत्री श्री अवनीश भटनागर ने कहा कि इन पाठ्य-पुस्तकों के 9 पाठों में समग्र भारतीय संस्कृति का लघु स्वरूप दिखाई देता है। अध्यक्षता करते हुए डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी ने कहा कि लेखकों के परिश्रम से जो ग्रन्थ बनेंगे, उनके अध्ययन से विद्यार्थी ग्रंथियों से दूर होंगे। नया ज्ञान कहीं से आए, उस तत्व को मूल रूप से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना है।
संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि नवीन पाठ्यक्रम में भारतमाता, हमारा भारत राष्ट्र, हमारी भारतीय संस्कृति, हमारी परिवार व्यवस्था, हमारी ज्ञान परम्परा, हमारी वैज्ञानिक परम्परा, हमारा गौरवशाली अतीत, हमारी संस्कृति का विश्व संचार, हमारा अभिनव भारत विषय सम्मिलित किए गए हैं। कार्यशाला में संस्थान के सचिव वासुदेव प्रजापति, संयोजक दुर्गसिंह राजपुरोहित, कृष्ण कुमार भंडारी, गोपाल माहेश्वरी, राजकुमार सिंह, अम्बिकादत्त कुंडल, अजय तिवारी, राघवेंद्र शुक्ल, रविशंकर शुक्ल, गोपाल शर्मा, कमल कुमार, अनिल कुलश्रेष्ठ, संतोष देवांगन आदि उपस्थित रहे।
और पढ़ें : प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक तथा बालिका शिक्षा की संयुक्त बैठक