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शतरंज का आधार आध्यात्मिकता

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Chess based spirituality
शतरंज का आधार आध्यात्मिकताः अनूप देशमुख

नागपुर । अंतर्राष्ट्रीय शतरंज मास्टर अनूप देशमुख ने कहा कि सभी छात्रों को मोबाइल फोन और टीवी छोड़ देना चाहिए और शतरंज पर अधिक ध्यान देना चाहिए। शतरंज के खेल का आधार आध्यात्मिकता है। इसमें केवल बुद्धि व शक्ति से सफलता नहीं मिलती, बल्कि बुद्धि और शक्ति मिलाकर ही खिलाड़ी इस खेल में सफल हो सकता है। शतरंज से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति का विकास होता है। अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस पर विद्या भारती विदर्भ एवं क्रीड़ा भारती नागपुर महानगर द्वारा संयुक्त रूप से पं.बच्छराज व्यास विद्यालय एवं जूनियर कॉलेज के सहयोग से शतरंज को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

शरद वझे ने नागपुर के 10 प्रतिष्ठित स्कूलों में 1000 से अधिक छात्रों के साथ 10 दिनों तक शतरंज खेलकर छात्रों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में डॉ.अमित अग्रवाल, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य क्रीड़ा भारती प्रसन्न हरदास, प्राचार्या अर्चना जोशी, विद्या भारती विदर्भ के खेल समन्वयक जितेन्द्र घोरदडेकर, विद्या भारती के प्रांतीय संगठन मंत्री शैलेश जोशी, मंत्री मंगेश पाठक, प्रांतीय सहमंत्री रोशन अगरकर, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, अभिभावक और बड़ी संख्या में शतरंज खिलाड़ी आदि उपस्थित रहे। 

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