कुरुक्षेत्र | विद्या भारती के तत्वाधान में कार्यरत विद्यालय गीता निकेतन विद्या मंदिर कक्षा 8 तक संचालित है। यह एक स्थापना नहीं, बल्कि एक सोच थी। विद्या भारती का प्रयास सदैव उच्चतम शिक्षा और छात्रों के संपूर्ण विकास पर रहा है। विद्यालय ने अपने स्तर पर कंप्यूटर लैब के अन्दर ही एक अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की, जिसमें लगभग 1 लाख रुपये का निवेश किया गया और एक विशेष शिक्षक को इसके प्रबंधन के लिए नियुक्त किया गया। यह लैब नीति आयोग द्वारा आवंटित न होकर विद्यालय के स्वयं के प्रयास के द्वारा स्थापित की गई है।
अटल टिंकरिंग लैब विद्यालय के छात्रों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देने के साथ-साथ नए युग के कौशल प्रदान करने के लिए एक प्रयास है। अटल टिंकरिंग लैब(stem)विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयो को एक एकल Cross Displinary प्रोग्राम में जोड़ती है ।
अटल टिंकरिंग लैब के शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख उद्देश्य :-
- अटल टिंकरिंग लैब छात्रों को विज्ञान प्रोधोगिकी इंजीनियरिंग और गणित के जटिल सिद्धान्तों को समझाने के अवसर प्रदान करती है।
- यह छात्रों को उनकी वैज्ञानिक खोज और प्रयोग करने में सहायता करती है ।
- यह तार्किक और विश्लेष्णात्मक कौशल को बढ़ाकर व्यवहारिक बुद्धिमता को बढ़ावा देगा।
- यह प्राम्भिक चरण से छात्रों में प्रोग्रामिंग सिखने में सहायता करेगा। NEP 2020 अनुसार यह नए उच्चतम स्तर की शिक्षा में एक मील का पत्थर साबित होगा छात्रों ने इस लैब में नवाचारी दिमागों की दिशा में कदम बढाया है । रोबोटिक्स मॉडल और स्वचालित पंप स्मार्ट पार्किंग सिस्टम जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है। स्वचालित पंप से जो मिट्टी की नमी स्तर के आधार पर स्वचालित रूप से जल आपूर्ति को बंद और चालू करते है इससे न केवल छात्रों का उत्साह बढ़ा बल्कि वे विज्ञान में भी अधिक अग्रसर हो गए है जो अटल टिंकरिंग लैब हिस्सा नहीं थे। छात्र प्रारंभिक चरण से ही प्रोग्रामिंग सीख रहे हैं। अभी तक छात्र SCRATCH सॉफ्टवेयर, पिक्टोब्लोक्स सॉफ्टवेर, पिक्टोब्लोक्स सॉफ्टवेर सीख चुके है इन सॉफ्टवेयरों का प्रयोग करके छात्र गेम तथा Animated Stories Design कर पा रहे है।
इस पहल का छात्रों पर प्रभाव :
नवाचारी सोच और अभियांत्रिक मनोबल: यह लैब छात्रों में नवाचारी सोच और अभियांत्रिक मनोबल को बढ़ाता है। वे
अनुभव, प्रायोगिकता, और नए विचारों को समझने का संदर्भ प्राप्त करते हैं।
समस्या समाधान कौशल: इन लैब में, छात्रों को वास्तविक जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने की क्षमता मिलती है।
क्रियात्मकता और स्वतंत्रता: छात्रों को स्वतंत्रता और संवेदनशीलता से काम करने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी क्रियात्मकता में वृद्धि होती है।
व्यक्तिगत विकास: छात्रों का व्यक्तिगत विकास होता है, जैसे कि वे सहनशीलता, समर्थन, और समस्याओं का समाधान करने की क्षमता में सुधार देख रहे हैं।
लैब की प्रेरणा प्रधानाचार्य जी के द्वारा प्राप्त हुई। उनके अनुसार सभी आधुनिक विषयों को केवल सिद्धांत के माध्यम से नहीं बल्कि अनुभव आधारित शिक्षण तकनीक के माध्यम से करवाया जाये और छात्र प्रारम्भिक स्तर से ही कौशल को अर्जित करने के लिए उत्सुक रहे, इसलिए विद्यालय के द्वारा अटल टिंकरिंग लैब को प्रारंभ करने का कदम उठाया गया।लैब में कक्षा 5 से 8 तक नियमित 80 छात्र प्रतिदिन लैब में आते है।लैब के लिए अलग से कालांश नियोजित किया गया है प्रत्येक सप्ताह में कक्षा 5 से 8 के लिए 3 कालांश रखे गये हैं।
लैब छात्रों विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जटिल सिद्धान्तों को इसके द्वारा सरलता से समझने का अवसर प्रदान करती है इसलिए छात्र रुचिपूर्ण ढंग से इसमें भाग लेते है । आचार्य और अभिभावक लैब को लेकर बहुत ही उत्साहित है ताकि छात्रों को लैब के माध्यम से आधुनिक युग की तकनीक के साथ जोड़कर उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सके ।
लैब में मुख्य 10 प्रोजेक्ट बनाये गए है और भी प्रोजेक्ट्स पर अभी काम चल रहा है :-
Smart Dustbin, Blind Stick, Smart Irrigation systems, platform Train Accident prevention systems, platform Train Accident prevention systems, Radar using ultrasonic sensors, Smart car parking systems, Automatic Street lights, Obstacle Detectors, Door Safety systems, and Home Safety Alarm.
शिक्षण में सहायक : “Electric Circuits” एक महत्त्वपूर्ण विषय है जो विज्ञान के क्षेत्र में कक्षा 6 से 8 में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। बच्चे जो अटल लैब में इस विषय को सीखते हैं, वे अन्य बच्चों की तुलना में इसे आसानी से समझने में सक्षम हैं। इसका मुख्य कारण है :
- प्रैक्टिकल एप्लीकेशन: अटल लैब में बच्चों को इलेक्ट्रिकल सर्किट्स के बारे में प्रैक्टिकल अनुभव और अभ्यास मिलता है जिससे उनकी समझ में अधिकता बढ़ती है।
- सामान्यीकृत सोच: अटल लैब के प्रोग्राम्स और उपकरणों का उपयोग करके, बच्चे इस विषय को सामान्य और सरल तरीके से समझते हैं, जिससे वे इसे अन्यों की तुलना में जल्दी समझ पाते हैं।
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