विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की संलग्न संस्थानों की अखिल भारतीय कार्यशाला 26-27 सितम्बर 2022 को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित की गई।
शिक्षा का दर्शन और राष्ट्र का दर्शन एक होना चाहिए। हमने शिक्षा को यज्ञ माना है। यज्ञ स्वयं के लिए नहीं दूसरों के लिए होता है। ज्ञान यज्ञ का अर्थ है दूसरों को ज्ञान देना। शिक्षकों का दायित्व है कि प्राचीन ज्ञान का अध्ययन करें। शिक्षा में भारतीयता का तत्व आना चाहिए। उपरोक्त विचार इस कार्यशाला में डॉ. कृष्ण गोपाल, सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने व्यक्त किए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि विद्या भारती ने जिन उद्देश्यों के लोई कार्य किया है, वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिलक्षित होता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.डी. पी. सिंह ने बताया कि पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त कर अच्छे व्यक्तित्व के धनी वैश्विक नागरिक का निर्माण करना हमारा उद्देश्य है। इस कार्यशाला में 42 संस्थानों के 107 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा 26-27 सितम्बर 2022 को डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में आयोजित “संलग्न संस्थानों की अखिल भारतीय कार्यशाला” की कुछ स्मृतियां।