विद्या भारती ने असम हाईस्कूल परीक्षा की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त छात्रों को किया सम्मानित।
मातृभाषा माध्यम में अहम भूमिका निभा रहे शंकरदेव शिशु निकेतन : डॉ रनोज पेग
असम | शिशु शिक्षा समिति असम द्वारा हाईस्कूल परीक्षा की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का अभिनन्दन एवं सम्मान समारोह का आयोजन गुवाहाटी मैडिकल कॉलेज सभागार में किया गया। समिति द्वारा जुगल किशोर एवं राम दुलारी मालपानी की स्मृति में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि असम के शिक्षा मंत्री डॉ रनोज पेगू, विशिष्ट अतिथि असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद के चेयरमैन रुक्मा गोहाईं बरुआ, प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ स्मृति कुमार सिन्हा, विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ पवन तिवारी, शिशुशिक्षा समिति असम के अध्यक्ष डॉ दिब्यज्योति महन्त, महामंत्री श्री कुलेन्द्र कुमार भगवती एवं विशिष्ट समाजसेवी श्री राजेश मालपानी मंच पर उपस्थित रहे। डॉ रनोज पेगू ने शिशु शिक्षा समिति को अभिनन्दन करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने कहा विद्या भारती शिक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान प्रदान कर रही है।
अभिनन्दन एवं संवर्धना समारोह में शंकरदेव शिशु निकेतन ठेकियाजुली के छात्र हृदम ठाकुरिया राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त राज्य की प्रावीण्य सूची में तृतीया स्थान शंकरदेव शिशु निकेतन बाहरघाट के छात्र मृगांक भट्टाचार्या, चतुर्थ स्थान बंचित चौधुरी शंकरदेव शिशु निकेतन सार्थेबारी के छात्र रितुपन दास, पञ्चम स्थान शंकरदेव शिशु निकेतन अमोलापट्टी के छात्र निलुत्पल मण्डल, छटवां स्थान शंकरदेव शिशुनिकेतन बोरका सतगांव की छात्रा सन्दिता दास, सातवाँ स्थान शंकरदेव शिशु निकेतन बाघमारा की छात्रा प्लबिता दास एवं शंकरदेव शिशु निकेतन वानीपुर के छात्र पिजुश नाथ, आठवां स्थान शंकरदेव शिशुनिकेतन रामदिया के छात्र अर्णव ज्योति दास तथा नवम स्थान शंकरदेव शिशु निकेतन शिमलगुरी की छात्रा बरष बरषा चेतिया को शिक्षा मंत्री डॉ रनोज पेगू ने सम्मानित किया।
समारोह में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त छात्रों के निकेतनों के प्रधानाचार्य एवं शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त करने वाले निकेतनों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया। शिशु शिक्षा समिति असम के अन्तर्गत 337 विद्यालयों के 9957 विद्यार्थियों ने हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में भाग लिया। 186 विद्यालयों के शत-प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए जबकि 14 विद्यालयों के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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